रांचीः विधायक सरयू राय सदन में अधिकारियों की ओर से मिले जवाब पर अंसतुष्ट दिखे. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अधिकारी से लेकर मंत्री तक नहीं करते होमवर्क, सवाल है तीर घाट का जवाब मिलता है मीर घर का.
सदन में जवाब ना मिलने से विधायक सरयू राय असंतुष्ट इसे भी पढ़ें- LIVE UPDATES: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र का आठवां दिन
झारखंड विधानसभा में बजट सत्र के दौरान एक बार फिर सदन में अधिकारियों की ओर से दिए गए जवाब से विधायक असंतुष्ट दिखे. मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद विधायक सरयू राय ने सदन में अधिकारियों की ओर से दिए जा रहे सवालों के जवाब पर नाराजगी जताई. अधिकारियों के दिए जवाब पर सरयू राय ने कहा कि सवाल है तीर घाट का और जवाब मिलता है मीर घाट का. उन्होंने अधिकारियों पर प्रश्नों का जवाब नहीं सही से देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सदन के अंदर जब जवाब मिलता है तो उससे पहले मंत्री का हस्ताक्षर होता है मगर आश्चर्य का विषय है कि मंत्री भी गंभीरता से प्रश्नों का जवाब नहीं देखते जिसके कारण प्रश्नों का उत्तर सही से नहीं मिलता है.
सरयू राय ने सदन में 2011-12 में चाईबासा में माइनिंग का काम करने वाली OMM कंपनी के बारे में जानकारी मांगते हुए सदन से पूछा था कि इस कंपनी ने अनुमति आदेश से ज्यादा कितना और क्यों खनन किया था. सरयू राय के प्रश्न पर जवाब विभाग की ओर से गोलमोल ढंग से दिया गया. सरयू राय ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चूंकि तत्कालीन डीसी वर्तमान में अभी खान विभाग के सचिव भी हैं. उन्होंने इसे गलत नहीं मानते हुए कहा था कि 2009-10 में कंपनी की ओर से किए गए माइनिंग से घटाकर एडजस्ट कर लेना चाहिए. जबकि डीसी को माइनिंग एडजस्टमेंट का पावर नहीं है.
सरयू राय ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इससे पहले भी हमने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष विभागीय अधिकारियों की ओर से सही से जवाब नहीं देने पर आपत्ति जताई है. ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि अधिकारी के साथ साथ संबंधित विभाग के मंत्री भी जब सदन में प्रश्नों के उत्तर देते हैं तो उन्हें देख लेना चाहिए कि जवाब सही से दिया गया है कि नहीं.