रांची: राज्य के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रिम्स में डॉक्टर्स और रिम्सकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर करने के उद्देश्य से फरवरी 2023 से निजी एजेंसियों के गार्ड्स की जगह होमगार्ड्स के जवानों की तैनाती की गई थी. आज की तारीख में 300 से अधिक होमगार्ड्स के जवान पूरे रिम्स परिसर में तैनात हैं. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि रिम्स में तैनात होमगार्ड्स के जवानों को मरीजों, रिम्सकर्मियों और डॉक्टरों की सुरक्षा की जगह अन्य कार्यों में प्रबंधन द्वारा लगा दिया जाता है.
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रिसेप्शनिस्ट औक क्लर्क का करते हैं कामःरांची इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (RIMS) के पुराने मुख्य लाल भवन में होमगार्ड्स के जवान डॉक्टरों की सुरक्षा की जगह 'मे आई हेल्प यू' काउंटर पर रिसेप्शनिस्ट की भूमिका में नजर आ जाएंगे. कई जगह पर वीआईपी मरीजों के परिजनों को जल्द से जल्द सुविधाएं मिल जाए, इसकी जिम्मेवारी निभाते होमगार्ड के जवान मिल जाएंगे. इतना ही नहीं रिम्स के डेंटल इंस्टीट्यूट में तो होमगार्ड के जवान को क्लर्क का काम भी दे दिया जाता है.
डॉक्टरों-रिम्सकर्मियों की सुरक्षा के प्रति चिंतितः रिम्स जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के संरक्षक और न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर विकास कुमार करते हैं कि उनकी चिंता अक्सर रिम्स कर्मियों और यहां के डॉक्टरों की सुरक्षा रही है और वह आज भी है. होमगार्ड के जवानों को सुरक्षा की जगह अन्य कार्यों में लगाने के सवाल पर डॉ विकास कहते हैं कि यह ऋण प्रबंधन और मेडिकल अधीक्षक तय करते हैं कि होमगार्ड के जवानों को कहां-कहां तैनात किया जाए, लेकिन डॉक्टरों की सुरक्षा सबसे जरूरी है उन्होंने कहा कि इसीलिए हम लोग मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के लिए मांग करते रहे हैं.
होमगार्ड जवानों को अन्य कार्यों में लगाने का कारणःरिम्स में होमगार्ड के जवानों को अन्य कार्यों में लगाने के मुद्दे पर मेडिकल अधीक्षक ने ईटीवी भारत से बात नहीं की. दरअसल रिम्स में फोर्थ ग्रेड के 267 और थर्ड ग्रेड के 58 पद खाली हैं. हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी इनकी बहाली नहीं हुई है. जाहिर सी बात है कि जब इतने सारे पद खाली रहेंगे और व्यवस्थाओं को चलाना है तो वैसे में होमगार्ड के जवानों को ही उनके मूल काम को छोड़ कर अन्य कार्यों में लगाना पड़ेगा.