रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी में सदर अस्पताल को सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाने में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. अदालत ने राज्य सरकार और निर्माण में जुटे विजेता कंस्ट्रक्शन को जल्द से जल्द निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई अब 17 दिसंबर को होगी.
ये भी पढे़ं- International Day of Disabled Persons 2021: कुछ इंच के खीरोधर का पर्वत जैसा हौसला, खुद बोलती है संतोष के संघर्ष की कहानी
30 सितंबर तक पूरा करना था निर्माण
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉक्टर रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में हुई इस सुनवाई में कोर्ट ने निर्माण में देरी पर विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी से पूछा की जब आपके द्वारा अंडरटेकिंग का कार्य 30 सितंबर को ही पूरा करना था तो अब तक क्यों नहीं हुआ. इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि सरकार की तरफ से पूरा सहयोग नहीं मिलने की वजह से निर्माण में देरी हुई है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंस्ट्रक्शन को आपस में बैठकर समन्वय बिठाकर शीघ्र कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्माण कंपनी को सभी तरह का सहयोग देने का आदेश दिया. कोर्ट ने विजेता कंस्ट्रक्शन को निर्माण पूरा करने की तारिख बताने का भी आदेश दिया है.
अवमानना वाद याचिका पर सुनवाई
बता दें कि रांची सदर अस्पताल को 500 बेड के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने की सरकार की योजना थी. इस योजना के तहत भवन का निर्माण कर लिया गया लेकिन अस्पताल को ऑपरेशनल नहीं किए जाने के बाद ज्योति शर्मा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अस्पताल को ऑपरेशनल बनाने की मांग की. हाई कोर्ट के कई आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से अंडरटेकिंग देकर कहा गया था कि 6 अस्पताल को ऑपरेशनल बना दिया जाएगा. सरकार के जवाब पर हाईकोर्ट ने याचिका निष्पादित कर दिया. लेकिन समय सीमा के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं होने के बाद अवमानना वाद याचिका दायर की गई है. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.