रांची:झारखंड का बजट सत्र (Jharkhand Budget Session 2022) 25 फरवरी से शुरू होगा. विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा पर भी बजट पेश किया जाएगा. हेमंत सरकार के पिटारे में इस बजट में शिक्षा जगत के लिए क्या कुछ खास होगा, यह अभी भी संशय का विषय है. हालांकि, शिक्षा बजट को लेकर शिक्षक, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अर्थशास्त्रियों और विद्यार्थियों ने हेमंत सरकार को कई सुझाव दिए हैं.
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हेमंत सरकार के पिछले बजट में शिक्षा जगत के लिए कई प्रावधान किए गए थे. कई योजनाओं को लेकर घोषणाएं हुई थी. पहले बजट में विशेष छात्रवृत्ति योजना शुरू करने की घोषणा हुई थी. जिसे हेमंत सरकार ने अमलीजामा पहना दिया है. वहीं, मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों के मानदेय में 500 की वृद्धि की गई थी. जिसके बाद 1500 की जगह उन्हें 2000 रुपये का मानदेय दिया जा रहा है.
अब तक नहीं लागू हुई ये योजनाएं: पिछले बजट में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री डिजिटल प्रोत्साहन योजना की भी शुरुआत हुई थी. जिसे अब तक लागू नहीं किया जा सका है. इसके अलावा बेरोजगार युवाओं को छात्रवृत्ति देने को लेकर भी घोषणा हुई थी, इसे भी अब तक धरातल पर नहीं उतारा जा सका है. प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने की योजना के तहत मॉडल स्कूल बनाने पर भी जोर दिया गया था. हालांकि, इस योजना को लागू किए जाने प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. विभिन्न जिला मुख्यालयों में मॉडल स्कूल भवन निर्माण का काम तेजी से हो रहा है. रोजगार के बेहतर अवसर के लिए सेंट्रल प्लेसमेंट सेल गठन करने की बात भी की गई थी, जिसकी शुरुआत भी अब तक नहीं हो सकी है. जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर भी पिछले बजट में प्रावधान किया गया था. इस दिशा में भी हेमंत सरकार ने कदम नहीं बढ़ाए हैं. ऐसी ही कई योजनाएं है जो पिछले बजट में बनाई गई थी. उन योजनाओं पर काम करने की जरूरत है.
शिक्षा बजट को लेकर हेमंत सरकार को सुझाव: अब फिर से 25 फरवरी से हेमंत सरकार का बजट सत्र शुरू होगा. राज्य के शिक्षक, शिक्षाविद, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े अर्थशास्त्री और विद्यार्थियों ने हेमंत सरकार सरकार को इस सत्र के शिक्षा बजट को लेकर कई सुझाव दिए हैं. इनकी मानें तो मूलभूत सुविधाओं को सुधारने की जरूरत है. स्कूल कॉलेजों में शिक्षकों की भारी कमी है. उनकी नियुक्ति को लेकर बजट में प्रावधान करने की जरूरत है. स्किल डेवलपमेंट और वोकेशनल कोर्स (Skill Development And Vocational Course in Jharkhand) की शुरुआत करने की जरूरत है. टेक्निकल पढ़ाई पर जोर देते हुए स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भी बजट में प्रावधान की जरूरत है. ऐसे और भी कई सुझाव है जो शिक्षा जगत से जुड़े अर्थशास्त्रियों ने हेमंत सरकार को दी है.