रांचीः धुर्वा के लाइफ लाइन कहे जाने वाले एचईसी प्लांट हॉस्पिटल आज बस एक वैलनेस सेंटर बन कर रह गया है. कुछ साल पहले जो एचईसी प्लांट अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद लेता था. अब गंभीर बीमारी के लिए मरीजों को रिम्स रेफर कर रहा है. 300 बेड वाला हॉस्पिटल अपने कर्मचारियों और एचईसी इलाकें के लोगों के लिए महज 20 बेड के अस्पताल में बदल चुका है.
एचईसी की खराब स्थिति की वजह से एचईसी का अस्पताल भी काफी दयनीय स्थिति में है. पारस अस्पताल के एचईसी प्लांट के हॉस्पिटल लेने के बाद एचीईसी का हॉस्पिटल वहां से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. एचईसी में काम कर रहे कर्मचारी और पूर्व कर्मचारियों की अब बस प्राथमिक इलाज ही हो पाता है. अब ना तो यहां ओपीडी की सुविधा है, ना ही किसी तरह की विशेष जांच की सुविधा. गंभीर हालत में मरीजों को रिम्स रेफर किया जा रहा है.