रांची: राज्य के 24 जिलों में देश के अन्य प्रदेशों से आ रहे प्रवासी मजदूर से आए दिन कोरोना वायरस के तेजी से फैलने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि प्रवासी मजदूर जो आ रहे हैं उससे जो कोरोना वायरस का फैलाव हो रहा है. उससे लोगों को घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है. राज्य सरकार ने पहले ही इस बात का आंकलन कर लिया था. उसी हिसाब से निपटने की तैयारी भी है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई सुनवाई
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में राज्य में प्रवासी मजदूर से तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के बिंदु पर सुनवाई हुई. दोनों न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की. वहीं, सरकार की ओर से महाधिवक्ता और अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा. महाधिवक्ता ने बताया कि प्रवासी मजदूर के आने से जो कोरोना के फैलने की आशंका थी. उससे निबटने के लिए ही राज्य सरकार ने सभी जिले में तैयारी कर ली है. इसके लिए विभिन्न जिलों में 30 ट्रूनेट मशीन लगाया है. उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस टेस्टिंग के लिए 3 जगह पूर्व से ही लैब चल रहा है और दुमका हजारीबाग और पलामू में कोविड-19 के टेस्ट के लिए लैब बनाया जा रहा है. सरकार ने बताया है कि 207 कोविड-19 हॉस्पिटल तैयार किया गया है, जिसमें 8809 बेड लगाया गया है. आइसोलेशन बेड 7226, ऑक्सीजन बेड 3775, वेंटीलेटर 210 और आईसीयू बेड 479 है. सरकार के इस जवाब पर अदालत ने अपनी संतुष्टि जाहिर करते हुए सरकार को 3 जुलाई तक अपनी प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
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बता दें कि अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा के पत्र पर झारखंड में कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी को लेकर झारखंड हाई कोर्ट ने खुद से संज्ञान लिया था. उसे जनहित याचिका में बदलकर सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई तय की है.