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जमीन घोटाला मामला, कारोबारी विष्णु अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी, खराब स्वास्थ्य का दिया है हवाला - विष्णु अग्रवाल को जमानत

जमीन घोटाला मामले में रांची के कारोबारी विष्णु अग्रवाल की जमानत याचिका पर पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. कोर्ट की ओर से फैसला कभी भी आ सकता है. विष्णु अग्रवाल ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी है.

bail plea of Vishnu Agarwal
bail plea of Vishnu Agarwal

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 13, 2023, 4:11 PM IST

रांची: जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद चर्चित कारोबारी विष्णु अग्रवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है. मामले में ईडी और बचाव पक्ष की ओर से पीएमएलए की विशेष अदालत में बहस हुई. विष्णु अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा एंड टीम ने जमानत की मांग की जिसका विशेष लोक अभियोजक ने विरोध करते हुए विष्णु अग्रवाल को लैंड स्कैम का मास्टर माइंड बताया. अब कभी भी जमानत पर कोर्ट का फैसला आ सकता है.

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दरअसल, विष्णु अग्रवाल को ईडी ने 31 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया था और देर रात हिरासत में ले लिया था. अगले दिन कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. इसके बाद ईडी रिमांड पर लेकर पूछताछ भी कर चुकी है. फिलहाल, खराब स्वास्थ्य की वजह से कारोबारी विष्णु अग्रवाल रिम्स के ट्रामा सेंटर में कई दिनों से भर्ती हैं.

उनपर रांची के चेशायर होम रोड स्थिति 1 एकड़ जमीन और सिरमटोली स्थिति सेना की जमीन की मनी लॉन्ड्रिंग कर खरीददारी करने का आरोप है. ईडी ने रिमांड नोट में इस बात का जिक्र किया है कि चेशायर होम रोड की जमीन के कागजात फर्जी तरीके कोलकाता स्थित रजिस्ट्री ऑफिस में तैयार किए गये थे. जमीन की खरीददारी में मनी लॉन्ड्रिंग भी हुई है.

ईडी ने आरोप लगाया है कि मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ किया गया है. इसमें रांची के तत्कालीन डीसी छवि रंजन का भी सहयोग मिला है. फिलहाल, छवि रंजन भी होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं. आपको बता दें कि रांची में संचालित न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल है. वह रियल स्टेट का भी काम करते हैं. जिमखाना क्लब के एक हिस्से में कमर्शियल कम रेसिडेंसियल फ्लैट का भी निर्माण करा रहे हैं. उनको स्मार्ट सिटी में भी फ्लैट निर्माण का काम मिला है. अब देखना है कि जमानत याचिका पर पीएमएलए कोर्ट का क्या फैसला आता है.

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