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सांसद निशिकांत दुबे के मसानजोर मामले पर झारखंड हाई कोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, पढ़ें क्या कहा

झारखंड हाई कोर्ट में सांसद निशिकांत दुबे के ओर से दुमका के मसानजोर डैम की स्थिति को दुरुस्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार के ओर से बताया गया कि, डैम निर्माण के समय जो एग्रीमेंट हुआ था उसकी कॉपी नहीं है.

hearing on Masanjor dam case in Jharkhand High Court
झारखंड हाई कोर्ट

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Published : Feb 12, 2021, 6:48 PM IST

रांची: बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे के ओर से दुमका के मसानजोर डैम की स्थिति को दुरुस्त करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार के ओर से बताया गया कि, डैम निर्माण के समय जो एग्रीमेंट हुआ था उसकी कॉपी नहीं है, बंगाल सरकार के अधिकारी से एग्रीमेंट की कॉपी की मांग की गई है.

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सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, यह आपकी संपत्ति है, आपकी संपत्ति का दस्तावेज आपके पास नहीं है यह कैसे? बिहार से बंटवारे के समय मसानजोर झारखंड का हिस्सा बना. उससे संबंधित दस्तावेज आपको बिहार सरकार से लेना चाहिए था, झारखंड बिहार से अलग हुआ है, झारखंड बंटवारे के बाद जो झारखंड में आया उससे संबंधित दस्तावेज अधिकारी को बिहार सरकार से लेना चाहिए था, लेकिन अधिकारी की गजब स्थिति है कि वे एग्रीमेंट के पेपर के लिए बंगाल सरकार के अधिकारी को पत्र लिखा है.

18 मार्च को होगी अगली सुनवाई

सांसद निशिकांत दुबे ने राज्य में बने मसानजोर डैम के पानी का उपयोग झारखंड वासी करे, वहां जो बिजली उत्पादन की जा रही है. उसका उपयोग संथाल परगना की जनता को मिले. इसकी मांग को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार के अधिकारी की कार्यकलाप पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि, वे यह बताएं कि बिहार से नहीं मांग कर बंगाल से किस परिस्थिति में एग्रीमेंट की प्रति मांगी गई है? अदालत ने इससे संबंधित विस्तृत जवाब 4 सप्ताह में पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को तय की गई है.

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