झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

पशुपालन घोटाला: डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में CBI की विशेष अदालत में सुनवाई, पैसे बंटवारे के संबंध में दी गई जानकारी

डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से चारा घोटाला के किंगपिंग पशुपालन विभाग के निदेशक स्वर्गीय श्याम बिहारी सिन्हा की ओर से किए गए कृतियों को अदालत में बताया गया.

Hearing in special CBI court in illegal withdrawal case from Doranda treasury in ranchi
डोरंडा कोषागार से जुड़े मामले में CBI की अदालत में सुनवाई

By

Published : Mar 26, 2021, 4:41 PM IST

रांची: बहुचर्चित चारा घोटाला से जुड़े डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में हुई. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने लालू प्रसाद यादव से जुड़े चारा घोटाला के किंगपिंग पशुपालन विभाग के निदेशक स्वर्गीय श्याम बिहारी सिंहा की ओर से किए गए कृतियों को अदालत में बताया गया.

जानकारी देते बचाव पक्ष के अधिवक्ता

ये भी पढ़े-डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में सुनवाई जारी, पूर्व के डॉक्यूमेंट की कॉपी फिर से प्रदर्श कराने की अपील

प्रिंसिपल एन जेकब की गवाही को पढ़कर सुनाया गया
अदालत में सीबीआई के गवाह बिशप वेस्टकोट गर्ल्स स्कूल के प्रिंसिपल एन जेकब की गवाही को अदालत में पढ़कर सुनाया गया, जिसमें कहा गया कि चारा घोटाला के मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव की 4 बेटियां बिशप वेस्टकोट गर्ल्स स्कूल में पढ़ती थीं, जिसके नामांकन में लॉकल गार्जियन का स्वर्गीय श्याम बिहारी सिन्हा का नाम अंकित है. ठाकरे परिवार पर तत्कालीन मंत्री इलियास अंसारी और सूरज प्रसाद का नाम अंकित है. आपूर्तिकर्ता मोहम्मद सईद के कर्मचारी सूरज प्रसाद ने अपनी गवाही में बताया कि मोहम्मद इलियास हुसैन और अपना नाम उसने आपूर्तिकर्ता मोहम्मद सईद के कहने पर दिया था.


139 करोड़ अवैध निकासी का है मामला
सीबीआई ने आपूर्तिकर्ता दीपेश चांडक के बयान के कुछ अंश पढ़कर अदालत को बताया. इसमें बताया गया कि फर्जी आपूर्ति आदेश में जो रुपए प्राप्त होते थे, उसका बंटवारा किस प्रकार से होता था. 20% पैसा आपूर्तिकर्ता रखते थे और बाकी पैसे श्याम बिहारी सिन्हा को दे दिया करते थे. श्याम बिहारी सिन्हा पैसे का आपस में बंटवारा करते थे, जिसमें 30% श्याम बिहारी सिन्हा और निदेशक कृष्ण मोहन प्रसाद अपने पास रखते थे. बाकी पैसे को भिन्न-भिन्न लोग और भिन्न-भिन्न विभागों में बांट दिया करते थे, जिसमें 30% डीडीओ (आय व्याय पदाधिकारी) इसमें डॉक्टर स्टोर कीपर और उनके ऑफिस के कर्मचारी के होते थे. 5% कोषागार में, 5% क्षेत्रीय पशुपालन में, 5% क्षेत्रीय निदेशक के कर्मचारियों में और 5% बजट ऑफिसर को दिए जाते थे. बता दें कि डोरंडा कोषागार आरसी 47A/96 से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव सहित अन्य 111 आरोपी डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ अवैध निकासी का मामला है.

For All Latest Updates

TAGGED:

ABOUT THE AUTHOR

...view details