रांचीः राजधानी रांची में कोरोना संक्रमित मरीजों की लाशों के अंतिम संस्कार में आ रही कठिनाई को दूर करने के मामले में शनिवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान रांची डीसी और रांची नगर निगम के अपर नगर आयुक्त उपस्थित थे. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए विधुत शवदाह गृह को ठीक कर लिया गया है. इसके बाद अदालत ने कहा कि पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सरल तरीके से हो, इसको लेकर सभी आवश्यक कदम उठाए और शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराए.
कोरोना से मरे लोगों के अंतिम संस्कार पर हाई कोर्ट ने क्या दिया निर्देश? पढ़ें पूरी रिपोर्ट
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान रांची डीसी और रांची नगर निगम के अपर नगर आयुक्त उपस्थित थे. सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि अंतिम संस्कार के लिए बनाए गए विधुत शवदाह गृह को ठीक कर लिया गया है. इसके बाद अदालत ने कहा कि शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराएं.
22 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई
अदालत में सुनवाई के दौरान रांची नगर निगम की ओर से बताया कि हरमू स्थित विधुत शवदाह गृह खराब हो गया था, लेकिन दिल्ली से तकनीशियन बुलाकर ठीक करवा लिया गया है. अब अंतिम दाह संस्कार में कोई परेशानी नहीं है. अंतिम दाह संस्कार के लिए शवों की लंबी लाइनें नहीं लगेगी. अदालत को बताया गया कि रांची नगर निगम की ओर से पार्थिव शरीर की अंतिम संस्कार के लिए कई तरह की व्यवस्था की गई है. अदालत ने नगर निगम और जिला प्रशासन की जवाब सुनने के बाद मामले में शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को अवगत कराए और मामले की अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होंगी.
हाई कोर्ट में उठा था मामला
12 अप्रैल को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा गया था कि कोरोना संक्रमितओं का शव की लाइन लगी है और अंतिम संस्कार नहीं हो रहा है. लोगों में हाहाकार मचा है. जिस पर हाईकोर्ट ने रांची नगर निगम और रांची प्रशासन को अदालत में उपस्थित होकर जवाब पेश करने को कहा था. इस आदेश पर रांची डीसी और रांची नगर निगम के अपर नगर आयुक्त उपस्थित होकर जवाब दिया.