रांची: ब्लैक फंगस से हुई महिला की मौत के मामले और रिम्स की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी व्यवस्था को क्यों नहीं ठीक किया जा रहा है? लोगों के जीवन से रिम्स को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. बिना इंफ्रास्ट्रक्चर का कैसे इलाज संभव हो सकता है. राज्य सरकार और रिम्स प्रबंधन को मिलकर रिम्स की स्थिति को हर हाल में दुरुस्त करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है. अदालत ने मामले की सुनवाई को 2 सप्ताह के लिए स्थगित करते हुए अगली सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की है.
रिम्स की लचर व्यवस्था पर हाई कोर्ट सख्त, कहा- हर हाल में करें दुरुस्त - रांची खबर
रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाई कोर्ट ने एक बार फिर नाराजगी जाहिर की है. कोर्ट ने कहा कि लोगों के जीवन से रिम्स को खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. रिम्स की ओर से दिल्ली के अधिवक्ता ने पक्ष रखा. जिस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आपने रिम्स की हालत नहीं देखी है. उपचार करने वाले उपकरण नहीं है. पोर्टिको में और जमीन पर लोगों का इलाज किया जा रहा है. बिना उपकरण का कैसे इलाज होगा. रिम्स प्रबंधन लोगों के जीवन से खिलवाड़ करे, इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है. अदालत आंख बंद करके नहीं रहेगी. सरकार और रिम्स प्रबंधन को मिलकर रिम्स की स्थिति ठीक करनी होगी. ताकि वहां लोगों का समुचित इलाज हो सके.
बता दें कि रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसी मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में रिम्स और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. अदालत के आदेश पर रिम्स की ओर से जवाब पेश की गई. जवाब को देखने के उपरांत अदालत ने नाराजगी व्यक्त की. फिर से जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया है.