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RIMS में नियमित नियुक्ति नहीं होने पर हाई कोर्ट नाराज, पूछा- क्यों ना रिम्स निदेशक पर चले अवमानना

रिम्स में नियमित नियुक्ति मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने रिम्स के जवाब पर नाराजगी जाहिर की और पूछा कि क्यों ना रिम्स के निदेशक पर अवमानना चले?

Hearing in Jharkhand High Court on regular appointment in RIMS
Hearing in Jharkhand High Court on regular appointment in RIMS

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Published : Feb 18, 2022, 7:02 PM IST

रांची: रिम्स की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने और रिम्स के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने के बिंदु पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने रिम्स के जवाब पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद भी रिम्स नियमित नियुक्ति क्यों नहीं कर रहा है, आउटसोर्सिंग से काम चलाया जा रहा है.

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अदालत ने पूछा कि जब बार-बार नियुक्ति करने का निर्देश दिया जा रहा है, तो रिम्स निदेशक नियुक्ति क्यों नहीं कर रहे है? क्यों नहीं हाईकोर्ट के आदेश ना मानने के कारण रिम्स निदेशक पर अवमानना चलाया जाए? महाधिवक्ता के द्वारा अदालत से समय की मांग करने पर अदालत ने मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद सप्ताह निर्धारित की है.

अधिवक्ता धीरज कुमार

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. अदालत ने मामले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की. रिम्स की ओर से जवाब पेश की गई. अदालत ने जवाब को देखने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि जब बार-बार नियुक्ति करने का निर्देश दिया जा रहा है. तो नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही है, क्यों चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नियमित नियुक्ति करने के बजाय आउटसोर्सिंग से काम चलाया जा रहा है. जिस पर रिम्स की ओर से बताया गया कि सरकार ने ही आउटसोर्सिंग करने को कहा है, इसलिए आउटसोर्सिंग से काम चलाया जा रहा है.

रिम्स की लचर व्यवस्था पर झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलकर मामले की सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उसी मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व में रिम्स और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. अदालत के आदेश पर रिम्स की ओर से जवाब पेश की गई. जवाब को देखने के उपरांत अदालत ने नाराजगी व्यक्त की. फिर से जवाब पेश करने का निर्देश दिया गया है.

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