रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को दी गयी राहत को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने देवघर में जमीन खरीद के मामले में उनके खिलाफ डीसी के द्वारा चलाई जा रही प्रक्रिया पर स्टे लगाने का आदेश को भी जारी रखा है. प्रार्थी के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि, अनामिका गौतम ने देवघर में एक भूमि की खरीदारी की है. उसी भूमि का निबंधन रद्द करने की प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है. इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया.
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झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की अदालत में गुरुवार को हुई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने काउंटर एफिडेविट दायर करने के लिए अदालत से समय मांगा. वहीं प्रार्थी की ओर से रिज्वाइंडर दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 जून को निर्धारित की गयी है.
रजिस्ट्री कैंसिल करने पर रोक
सांसद पत्नी अनामिका गौतम द्वारा दायर रिट याचिका पर पूर्व में सुनवाई के दौरान प्रार्थी के पक्ष को देखते हुए देवघर डीसी द्वारा निबंधन रद्द करने की प्रक्रिया जो चलाई जा रही थी उस प्रक्रिया पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. इस मामले में प्रार्थी की अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने अदालत को बताया था कि, डीसी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर निकल कर वहां पर काम कर रहा है, उन्हें रजिस्ट्री कैंसिल करने का अधिकार नहीं है, इसलिए उनके द्वारा चलाए जा रहे इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाए. प्रार्थी के गुहार पर अदालत ने तत्काल डीसी के द्वारा चलाए जा रहे प्रक्रिया पर रोक लगा दी है.
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क्या था मामला
अनामिका गौतम ने जमीन खरीद के मामले में देवघर के डीसी कार्यालय में जो कार्रवाई चल रही है उस पर रोक लगाने और उनके ऊपर जो एफआईआर दर्ज करवाया गया है उसे निरस्त करने की मांग की थी. इसे लेकर 2 क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर की गई थी. उसी याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई की. इससे पहले सुनवाई पूरी कर आदेश सुरक्षित रख लिया गया था. कोर्ट ने सांसद की पत्नी पर दर्ज दोनों एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया.