रांची: झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटित करने के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा और जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान विधानसभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि इसकी जांच के लिए 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी की अब तक जांच पूरी नहीं हुई है. इसके लिए समय दिया जाए. जांच पूरी होते ही कमेटी की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश की जाएगी. इस आधार पर अदालत ने समय देते हुए पांच सप्ताह बाद सुनवाई की तारीख तय की है.
नमाज कक्ष विवाद, विधानसभा की ओर से हाईकोर्ट में दिया गया जवाब, कमेटी की रिपोर्ट का है इंतजार
झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटन के मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में विधानसभा की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि कमेटी की जांच अभी पूरी नहीं हुई है.
पूर्व में 2 मई को सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया था कि इस मामले में राज्य सरकार ने सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. कमेटी इसकी जांच कर रही है. विधानसभा में नवाज कक्ष आवंटित किए जाने को असंवैधानिक बताते हुए याचिकाकर्ता अजय मोदी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता का कहना है कि यह असंवैधानिक है. इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए.
विधानसभा में नमाज कक्ष आवंटित करने का मामला साल 2021 में जोरशोर से उठा था. इसको लेकर विपक्ष ने जमकर सरकार को घेरा था. विपक्ष का कहना था कि विस सचिवालय की ओर से कमरा आवंटित करने का आदेश जारी हुआ है. ऐसी व्यवस्था कभी नहीं रही है. इसकी वजह से कई दिन तक सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी. भाजपा विधायकों ने विस परिसर में हनुमान मंदिर बनाने की मांग की थी. उस वक्त दलील दी गई थी कि पुराने विधानसभा में भी नमाज पढ़ने की अलग से व्यवस्था थी क्योंकि कार्यवाही के दौरान शुक्रवार के दिन अल्पसंख्यक कर्मियों को मस्जिद में नमाज पढ़कर आने में समय पर नहीं पहुंचने की संभावना बनी रहती थी. विवाद बढ़ने पर स्पीकर ने कमेटी बनाई थी.