रांची: झारखंड न्यायिक पदाधिकारी की नियुक्ति मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग को 2 सप्ताह के अंदर जवाब पेश करने को कहा है. अब अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई तय की है. इस बीच राज्य सरकार और झारखंड लोक सेवा आयोग को अपना जवाब पेश करना है.
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एस.एन प्रसाद की खंडपीठ में न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश अपने आवासीय कार्यालय से मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की. वही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता और राज्य सरकार के अधिवक्ता झारखंड लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता ने अपने-अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना पक्ष रखा.
अधिवक्ता झारखंड हाई कोर्ट की प्रतिक्रिया न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति को दी गई है चुनौती
इस संबंध में मयंक सिंह ठाकुर ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर न्यायिक पदाधिकारियों की नियुक्ति को चुनौती दी है. मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि जेपीएससी वर्ष 2018 में विज्ञापन जारी किया गया था लेकिन उन्हें खेल कोटे का लाभ नहीं दिया गया. जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने कहा कि प्रार्थी का खेल कोटा में इसलिए चयन नहीं हुआ कि प्रार्थी का प्रमाणपत्र विज्ञापन के अनुरूप नहीं था.
सुनवाई के बाद अदालत ने जेपीएससी और राज्य सरकार को 30 जून तक शपथपत्र के माध्यम से अदालत में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी.