रांची: बीज घोटाले मामले में वर्तमान के श्रम मंत्री और तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता के डिस्चार्ज पिटीशन पर शुक्रवार को एसीबी की विशेष अदालत में सुनवाई हुई. अदालत में उपस्थित होकर मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने खुद बहस की और अपने ऊपर पर लगे आरोप को बेबुनियाद बताते हुए खुद को निर्दोष बताया. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि मंत्री होने के नाते उनके द्वारा आदेश दिया गया था लेकिन कार्यादेश विभाग के अधिकारियों के द्वारा बनाया गया था. खुद के बचाव में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अदालत से समय की मांग की है.
बीज घोटाला मामले में मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने एसीबी कोर्ट में खुद की बहस, कहा- सबूत पेश करने के लिए दें समय - बीज घोटाला के आरोपी सत्यानंद भोक्ता
बीज घोटाला मामले में मंत्री सत्यानंद भोक्ता के डिस्चार्ज पिटीशन पर 5 जून को सुनवाई होगी. अदालत में सबूत पेश करने के लिए मंत्री ने कोर्ट से समय मांगा है.
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मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अदालत से अपने निर्दोष होने के लिए साक्ष पेश करने की बात कही और इसके लिए उन्होंने एसीबी के विशेष न्यायाधीश से समय देने का आग्रह किया. मंत्री के आग्रह को देखते हुए कोर्ट की तरफ से 5 जून तक का समय दिया गया है. बता दें कि बीज घोटाले मामले में आरोपियों पर आरोप तय किया जाना है. जिसको लेकर मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने खुद को आरोप मुक्त करने के लिए अपनी वकील की तरफ से डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल करवाया था. जिसको लेकर एसीबी की विशेष न्यायाधीश के समक्ष शुक्रवार को सुनवाई हुई.
बीज घोटाले में 46 करोड़ दस लाख की राशि के गबन का मामला है. इस घोटाले में तत्कालीन कृषि मंत्री सत्यानंद भोक्ता, पूर्व मंत्री नलिन सोरेन तत्कालीन कृषि सचिव वी जय राम और निस्तार मींज को आरोपी बनाया गया है. मालूम हो कि यह पूरा मामला 2003 का है, लेकिन निगरानी के द्वारा 2009 में सरकार और एजेंसी के सामने लाने का काम किया गया था, जिसके बाद पूरे मामले पर कार्रवाई शुरू हुई थी.
मामले में सभी आरोपियों पर सरकार के धन का दुरुपयोग करने का आरोप है. सभी आरोपियों पर वर्ष 2009 में एसीबी के द्वारा केस दर्ज कर छानबीन शुरू की गई थी. जिसमें पाया गया कि सभी आरोपियों के द्वारा गलत तरीके से बीज और कृषि उपक्रम की खरीद फरोख्त की गई थी.