रांची: झारखंड में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के मामले में अभी भी संशय बरकरार है. सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब फैसला आने तक इंतजार करना होगा कि, उन्हें 10% का आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं. फिलहाल अभ्यर्थियों को झारखंड हाई कोर्ट के आदेश का इंतजार करना होगा.
गरीब सवर्णों के आरक्षण मामले में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई पूरी, आदेश सुरक्षित
झारखंड हाई कोर्ट में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के मामले में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
आदेश सुरक्षित
असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति मामले में गरीब सवर्णों को 10% आरक्षण दिए जाने के विरोध में दायर याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में मामले पर सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया गया है.
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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता रंजीत कुमार की ओर से अधिवक्ता सौरव शेखर ने अदालत को बताया कि, असिस्टेंट इंजीनियर नियुक्ति में गरीब सवर्णों को आरक्षण का लाभ देना उचित नहीं होगा, क्योंकि असिस्टेंट इंजीनियर की जो नियुक्ति हो रही है, उसमें जो रिक्त पद हैं वह साल 2019 से पूर्व का है और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का जो नियम बना है, वह वर्ष 2019 में बना है, इसलिए पूर्व के रिक्त पदों पर आरक्षण देना असंवैधानिक होगा. वहीं सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि सरकार द्वारा दिया गया यह आरक्षण सही है, क्योंकि विज्ञापन निकालने के समय जो सरकार का नियम होता है, उसी के तहत उसमें आरक्षण की व्यवस्था की जाती है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है.