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ग्रामीणों तक नहीं पहुंचेगी कोरोना की तीसरी लहर! गांवों में तैयार हो रहे हैं कोरोना योद्धा

झारखंड में कोरोना की संभावित तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) के प्रभाव को कम करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. जिला स्तर पर अस्पतालों को सुव्यवस्थित किया जा रहा है. ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसे हालात में ट्रेंड मेन पावर की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए झारखंड सरकार, प्रेझा फाउंडेशन और एचडीएफसी बैंक 'परिवर्तन' के पहल पर स्वास्थ्यकर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

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Published : Jul 1, 2021, 11:44 PM IST

Updated : Jul 2, 2021, 6:21 AM IST

रांची:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं, कि कोरोना वायरस एक बहरूपिया की तरह है, यह रूप बदलते रहता है. इस बीच डब्ल्यूएचओ (WHO) ने भी कह दिया है, कि करीब 100 देशों में कोरोना का डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant of Corona) सामने आ चुका है, जो घातक साबित हो सकता है. जाहिर है कोरोना की दूसरी लहर में हुए नुकसान के बाद संभावित तीसरी लहर (3rd Wave of Corona) के प्रभाव को कम करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा. इसे ध्यान में रखते हुए जिला स्तर पर अस्पतालों को सुव्यवस्थित किया जा रहा है. ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं, लेकिन सभी जानते हैं, कि ऐसे हालात में ट्रेंड मेन पावर की जरूरत पड़ेगी.

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पाकुड़ निवासी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर रश्मि टोप्पो ग्रामीणों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कवच के रूप में खुद को तैयार कर रही हैं. रश्मि कहती हैं, कि संकटकाल में मानव सेवा से बढकर और कुछ नहीं है. सिमडेगा स्थित बानो की एएनएम अंजना उरावं समेत करीब 90 महिलाएं खुद को कोरोना योद्धा के रूप में तैयार करने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहीं है.

कौन दे रहा है प्रशिक्षण

झारखंड सरकार, प्रेझा फाउंडेशन और एचडीएफसी बैंक 'परिवर्तन' के पहल पर स्वास्थ्यकर्मियों, सहिया दीदी, आशा दीदी को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ये सभी झारखंड के दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवा बहाल रखने के लिए काम कर रहे हैं. प्रेझा फाउंडेशन द्वारा संचालित नर्सिंग कौशल कॉलेज चान्हो, गुमला और चाईबासा में 15 दिवसीय इस आवासीय प्रशिक्षण में 90 प्रशिक्षुओं को भारतीय सैन्य सेवा के रिटायर्ड डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण में एनाटॉमी, संक्रमण नियंत्रण, महामारी विज्ञान, टीकाकरण, ऑक्सीजन मैनेजमेंट, इंजेक्शन, कीटाणुशोधन, नर्सिंग प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी, प्राथमिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी से जुड़ी जानकारी दी जा रही है.

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प्रशिक्षण देने के पीछे का क्या है मकसद

राज्य सरकार का मानना है, कि कोरोना से लड़ना है तो जानकारी, तकनीक और तरीका जानना जरुरी है, ताकि लोगों को कोरोना से बचाया जा सके. सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी विशेषज्ञों की कमी के कारण स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन किया गया है, ताकि कुशल या समर्पित स्वास्थ्यकर्मी कोरोना महामारी या किसी अन्य संक्रामक बीमारी के प्रबंधन में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग कर सकें.

Last Updated : Jul 2, 2021, 6:21 AM IST

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