रांची: प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी अपने बयान को लेकर बैकफुट आ गए हैं. उन्होंने डॉक्टर्स पर दिए अपने बयान पर खेद प्रकट किया है. इसके बाद राज्य के चिकित्सकों ने अपनी नाराजगी वापस ले ली है.
आईएमए और झासा के प्रतिनिधिमंडल से मिले स्वास्थ्य सचिव
डॉक्टरों के आक्रोश को देखते हुए स्वास्थ्य सचिव ने शुक्रवार को आईएमए और झासा के एक प्रतिनिधिमंडल से मिले. मुलाकात के बाद स्वास्थ्य सचिव ने पत्र जारी करते हुए बताया है कि 30 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में उनके बयान को लेकर जो भी विरोधाभास और भ्रांतियां डॉक्टरों के बीच पैदा हुआ है उसके लिए वह खेद प्रकट करते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी ओर से दिया गया बयान नवनियुक्त चिकित्सकों को अपने कर्तव्य के प्रति प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए कहा गया था, उनका बयान कहीं से भी चिकित्सकों के मनोबल को गिराने के लिए नहीं कहा गया था. इसीलिए विवाद को समाप्त करने के लिए वह अपनी ओर से खेद प्रकट करते हैं. स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात और उनकी ओर से खेद प्रकट करने के बाद आईएमए और झासा की ओर से भी पत्र जारी करते हुए कहा गया अब राज्य के चिकित्सक भी जनहित को देखते हुए अपने पूर्व घोषित आंदोलन को वापस लेते हैं. साथ ही राज्य में शुरू होने वाले कोरोना टीकाकरण अभियान में अपनी पूर्ण सहभागिता निभाने का आश्वासन देते हैं.