रांचीः ड्रग नियंत्रक विभाग ने नवंबर माह में आठ दवा गोदाम में छापेमारी कर करोड़ों रुपये की नकली और नशीली दवा जब्त किया था. जब्त दवाइयों के सैंपल को रांची सदर अस्पताल स्थित ड्रग नियंत्रक कार्यालय में रखा गया. लेकिन दवाइयां सैंपल जांच से पहले ही चोरी हो गई. इस चोरी मामले की जांच के आदेश स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभागीय अपर मुख्य सचिव को दिया है.
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स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने विभागीय अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि जांच कमेटी गठित कर निर्धारित समय सीमा में जांच कराएं. इसके साथ ही मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल्स के साथ साथ विभागीय अधिकारियों की भूमिका की भी जांच सुनिश्चित करेंगे. स्वास्थ्य मंत्री ने अपर मुख्य सचिव को इस मामले की जांच पांच बिंदुओं पर करने को कहा है.
इन बिंदुओं पर जांच का आदेश
- मेसर्स विश्वनाथ फार्मास्युटिकल रांची द्वारा सिर्फ एक ही प्रकार की दवा (फेनसीरेस्ट कफ सिरप) की आपूर्ति और ब्रिकी क्यों की जा रही थी?
- इस दवा की खरीद और बिक्री बड़ी मात्रा में कंपनी की और से क्यों किया जा रहा था?
- इस दवा की खपत झारखंड में ना करते हुए अन्य राज्यों के फार्मा कंपनी को करने का क्या औचित्य था?
- दवा आपूर्ति करने के लिए कंपनी द्वारा जो डिमांड भेजा जा था, उससे दुगनी मात्रा में उत्पादक कंपनी मेसर्स स्माईलेक्स, हिमाचल प्रदेश द्वारा आपूर्ति क्यों की जाती थी ?
- जांच पदाधिकारी पुतली बिलुंग द्वारा समय-समय पर निरीक्षण के क्रम में दिए गए अपनी रिपोर्ट में इस दवा को नशीली पदार्थ के रूप में खपत होने की आशंका व्यक्त करते हुये नारकोटिक्स ब्यूरो अथवा सक्षम एजेंसी से सहयोग प्राप्त करने के लिए औषधि नियंत्रक को पत्र दिया गया. फिर भी औषधि नियंत्रक द्वारा परामर्श को दरकिनार कर कार्रवाई क्यों की गई?
रांची पुलिस भी कर रही है मामले की जांच
रांची सदर अस्पताल से नकली दवाइयों की चोरी होने की गंभीरता को देखते हुए रांची पुलिस भी मामले की जांच कर रही है. यह जांच डीएसपी के नेतृत्व में की जा रही है. अब स्वास्थ्य मंत्री ने भी विभागीय जांच शुरू करने का निर्देश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य को दिए हैं. इस जांच से नशीली और नकली दवा के खेल का खुलासा होगा.
26 नवंबर की रात हुई थी चोरी
स्वास्थ्य विभाग के ड्रग कंट्रोलर ने नवंबर महीने में करोड़ों की नकली और नशीली दवाओं को जब्त किया, जिसका सैंपल सदर अस्पताल में रखा गया था. 26 नवंबर की रात सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला औषधि नियंत्रण कार्यालय से सैंपल जांच के लिए रखी गयी दवाइयां चोरी हो गयी. बताया जा रहा है कि जिस रात सैंपल की चोरी हुई, उसके अगले दिन सैंपल जांच के लिए बाहर भेजा जाना था. इतना ही नहीं कंप्यूटर में रखे गए सैंपलों के ब्यौरे से छेड़छाड़ करने के साथ हार्ड डिस्क भी गायब कर दिया गया था.