रांची: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. यहां पर राजधानी ही नहीं आसपास के जिलों और राज्यों से भी मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. ताकि रिम्स में सरकारी स्तर पर मुफ्त में जांच हो जाय. इस मुफ्त जांच के बदले रिम्स, परिसर के हेल्थ मैप जांच घरों को भुगतान करता है. लेकिन रिम्स प्रबंधन ने लंबे समय से पीपीपी (PUBLIC PRIVATE PARTNERSHIP) मोड पर रिम्स परिसर में चल रहे इन जांच घर का भुगतान नहीं किया है. इससे हेल्थ मैप ने मुफ्त में जांच करना बंद कर दिया है.
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बता दें कि हेल्थमैप में रिम्स में इलाज कराने आने वाले मरीजों का सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड जैसी जांच मुफ्त होती है. लेकिन वर्तमान में यहां पर मरीजों को पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. इससे गरीबों को सुविधा नहीं मिल पा रही है और वे परेशान हैं. रिम्स में हेल्थ मैप में गरीबों को निजी जांच केंद्र की तरह भुगतान करना पड़ रहा है.
हेल्थ मैप से क्या था करारः रिम्स प्रबंधन और हेल्थ मैप जांच घर के बीच करार हुआ था कि उनके अस्पताल से जितने भी बीपीएल (BELOW POVERTY LINE) कार्ड धारक मरीज जांच कराने पहुंचेंगे, उनकी जांच मुफ्त की जाएगी और उस जांच का पैसा रिम्स प्रबंधन समय-समय पर देता रहेगा. वर्ष 2016 से हेल्थ मैप परिसर में संचालित हैं और वहां पर मरीजों को मुफ्त जांच की सुविधा मिल रही थी. लेकिन वर्ष 2020 से रिम्स प्रबंधन ने मरीजों की जांच के पैसे हेल्थ मैप को देना बंद कर दिया, जिस वजह से हेल्थ मैप जांच घर ने मरीजों की मुफ्त में जांच करना बंद कर दिया. अब ऐसे में गरीब मरीजों को जांच के लिए पैसे चुकाने पड़ते हैं.
चार करोड़ बकायाःहेल्थ मैप के पदाधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2020 से अभी तक करीब चार करोड़ रुपया बकाया है. लेकिन रिम्स प्रबंधन इसको लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कर रहे हैं, जिस वजह से उन्हें मुफ्त में जांच बंद करना पड़ा.
बता दें कि हेल्थ मैप में जहां आने वाले बीपीएल मरीजों की जांच मुफ्त में होती थी, वहीं जो मरीज एपीएल (ABOVE POVERTY LINE) के थे, उनकी सरकारी दर पर जांच होती थी. लेकिन रिम्स द्वारा बकाया पैसा नहीं देने के कारण बीपीएल मरीजों को भी पैसे देकर ही जांच कराने पड़ रहे हैं, जिस वजह से उन्हें काफी दिक्कतें आ रहीं हैं. मरीजों ने बताया कि कई बार रिम्स में लंबी लाइन की वजह से जांच कराने में घंटों या दिन लग जाते हैं तो अक्सर रिम्स के जांच घरों की मशीन ही काम नहीं करती है. ऐसे में हेल्थ मैप ही गरीबों का सहारा था.
रिम्स प्रबंधन को मालूम है पूरी बातः पूरे मामले पर हमने जब रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन से बात की तो उन्होंने बताया कि बीपीएल मरीजों को दी जाने वाली छूट हेल्थ मैप जांच घर द्वारा बंद कर दी गई है. रिम्स प्रबंधन ने कभी नहीं कहा है कि उन्हें बकाया पैसा नहीं मिलेगा. लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने गरीबों की मुफ्त जांच बंद कर दी है. इसको लेकर प्रबंधन के उच्च अधिकारियों से बात करेंगे और कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द अस्पताल में आने वाले गरीब मरीजों को मुफ्त जांच सुविधा मिल सके.
इसलिए हेल्थ मैप में कराते थे जांचःगौरतलब है कि रिम्स का अपना जांच घर भी है लेकिन मरीजों की अत्यधिक भीड़ और उदासीन रवैये की वजह से कई बार यहां जांच नहीं हो पाती. ऐसे में पीपीपी मोड पर चल रहे हेल्थ मैप ही एकमात्र सहारा होते हैं. लेकिन हेल्थ मैप का बकाया पैसा होने की वजह से वह भी गरीबों की मदद करने से पीछे हट गया है. जरूरत है रिम्स प्रबंधन मरीजों की समस्या पर ध्यान दे ताकि उनकी जांच मुफ्त में हो सके.