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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी पूरी, राज्य के 72 लाख बच्चों को दी जाएगी एल्बेंडाजोल की खुराक

बच्चों में संक्रमण से जुड़े स्वास्थ समस्या के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 10 फरवरी 2020 को पूरे राज्य में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा. इसके तहत राज्य के 72 लाख बच्चों को कृमि मुक्त करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य होगा.

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की तैयारी

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Published : Feb 7, 2020, 7:35 PM IST

रांची:स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की खुराक दी जाएगी. इसके तहत राज्य के 72 लाख बच्चों को कृमि मुक्त करना स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य होगा.

देखेंं पूरी खबर

बच्चों में संक्रमण से जुड़े स्वास्थ्य समस्या के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से 10 फरवरी 2020 को पूरे राज्य में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जायेगा. जिसको लेकर 8 फरवरी को राज्य स्तरीय राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम की शुरुआत सरायकेला से की जा रही है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अभियान के निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर राज्य के बच्चों को कृमि मुक्त करने के लिए सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में एल्बेंडाजोल की दवाई दी जाएगी. जिसके तहत राज्य के 72 लाख बच्चों को कृमि मुक्त करना सरकार का लक्ष्य होगा.

दो चक्र में पूरा होगा अभियान

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के पहले चक्र में राज्य के 12 जिलों में बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाइयां पिलाई जाएगी. जिसमें जामतारा, बोकारो, देवघर, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, साहिबगंज, धनबाद और सरायकेला के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 से 19 साल तक के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवा खिलाकर कृमि मुक्त किया जायेगा. इसके अलावा दूसरे चक्र में अन्य 12 जिलों में मार्च से जून तक फलेरिया रोधी दवा बच्चों को पिलाई जाएगी और यह डबल ड्रग मॉड्यूल के तहत चलाया जाएगा. जिसमें कृमि मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल का भी कंपोजीशन उपलब्ध होगा.

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मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरुरी

झारखंड के 1 से 19 साल तक के बच्चों को कृमि मुक्त दावा पिलाने के लिए 19,555 स्कूली शिक्षक,17,567 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 18,073 सहियाओं को ट्रेनिंग दी गई है. गौरतलब है कि कृमि मुक्ति से बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर सकारात्मक असर पड़ता है. बच्चों को कृमि मुक्त रखने से कुपोषण और एनीमिया जैसी परेशानियों से भी नहीं जूझना पड़ता है. कृमि मुक्त रहने के लिए मानसिक और शारीरिक विकास और संक्रमण प्रतिरोध की क्षमता में भी सुधार आती है.

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