रांची: पूरे झारखंड में देह जलाने वाली गर्मी पड़ रही है. सुबह 9 बजे के बाद बिना विशेष तैयारी किए घर से बाहर निकलना मुसीबत खड़ी कर सकती है. लू लगने का खतरा है. अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ गयी है. इस बीच मौसम के मिजाज में बदलाव की खबरें सुकून देने वाली हैं. हालांकि बदलते मौसम की वजह से अलर्ट भी जारी हुआ है. इसकी वजह है ओलावृष्टि.
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मौसम केंद्र के मुताबिक राज्य के उत्तर-पूर्वी इलाकों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि की संभावना है. लिहाजा, देवघर, धनबाद, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज के लोगों को एहतियात बरतने की जरूरत है. इस दौरान वज्रपात के साथ-साथ 40 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तेज सतही हवा के भी चलने की संभावना है. अलर्ट इसलिए रहने की जरूरत है क्योंकि पिछले दिनों दुमका में जबरदस्त ओलावृष्टि हुई थी. इससे लोगों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ा था. सब्जी की फसल के साथ-साथ गाड़ियों और खपड़ैल/एस्पेस्टस को घरों को क्षति पहुंची थी. 25 मई को भी उत्तर-पूर्वी भागों में ओलावृष्टि के साथ वज्रपात की संभावना जतायी गई है. 26 और 27 मई को राज्य में कहीं कहीं मेघगर्जन और वज्रपात की आशंका है. 28 मई को उत्तरी और मध्य भागों में मौसम बदलने का अनुमान है.
मौसम केंद्र ने सुझाव दिया है कि जिन इलाकों में ओलावृष्टि की संभावना है वहां के किसानों को परिवक्व फल और सब्जियों की तुड़ाई कर लेनी चाहिए. खड़ी फसल को रोग से बचाने के लिए ओलावृष्टि की वजह से गिरे हुए फलों को हटा देना चाहिए.
पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 68 मिमी बारिश राजमहल में रिकॉर्ड हुई है. जहां तक तापमान की बात है तो चाईबासा जिला 42.4 डिग्री सेल्सियस के साथ सबसे ज्यादा गर्म रहा. इस दौरान सबसे कम तापमान 21.8 डिग्री बाबानगरी में रिकॉर्ड हुआ है. रांची का अधिकतम पारा 40 डिग्री मापा गया है. फिलहाल मौसम के बदले रूख की वजह से ज्यादातर जिलों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री से नीचे है. यह स्थिति 28 मई तक बनी रह सकती है. कोडरमा, गढ़वा, चतरा, लोहरदगा, पलामू और पश्चिमी सिंहभूम में पारा 40 और 41 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है.