रांचीः कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए झारखंड सरकार ने बुधवार को सरकारी डिपार्टमेंट में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी गई है. अब सरकारी दफ्तरों में मैनुअली ही हाजिरी बनाई जाएगी. सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर भले ही रोक लगा दी गई है लेकिन अगर टेक्निकल बात करें तो यह खतरा और कई जगह पर हैं जिस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. क्या है यह खतरा, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने नेपाल हाउस स्थित झारखंड मंत्रालय की पड़ताल की.
कोरोना वायरस के बचाव से सरकार के अधूरे उपाय, लिफ्ट को लेकर नहीं हैं लोग जागरूक
रांची में कोरोना वायरस को लेकर राज्य सरकार लगातार सजग है. बुधवार को सरकारी डिपार्टमेंट में बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक लगा दी गई है. अब सरकारी दफ्तरों में मैनुअली ही हाजिरी बनाई जाएगी. कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए थंब इंप्रेशन से हाजिरी बनाने पर रोक लगाई गई है. लेकिन मंत्रालय के सभी लिफ्ट में लोग थंब इंप्रेशन से ही काम करते हैं.
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बायोमेट्रिक अटेंडेंस पर रोक
बुधवार को झारखंड के सभी सरकारी कार्यालय में सरकार की तरफ से आदेश जारी किया गया कि अब उनके कर्मचारी बायोमेट्रिक अटेंडेंस से हाजी नहीं बनाएंगे क्योंकि इससे कोरोना वायरस का खतरा बढ़ता है. लेकिन बता दें कि कोरोना वायरस के खतरे से बचने के लिए थंब इंप्रेशन से हाजिरी बनाने पर रोक लगाई गई है. लेकिन मंत्रालय के सभी लिफ्ट में लोग थंब इंप्रेशन से ही काम करते हैं यहां भी खतरा उतना ही है जितना बायोमेट्रिक तरीके से अटेंडेंस बनाने के दौरान होता है, लेकिन इसे लेकर सरकार के तरफ से कोई उपाय नहीं किए गए हैं.
मंत्रालय में कुछ कर्मचारियों से जब ईटीवी भारत की टीम ने बात की तो वे पहले तो बात करने से बचते नजर आए लेकिन कुछ ने यह जरूर कहा कि वह अपने खुद का सनेटाइजर्स यूज करते हैं. हालांकि मंत्रालय में कहीं भी सैनिटाइजर नजर नहीं आया. कुछ अधिकारियों ने यह भी कहा कि लिफ्ट की हर दिन सफाई होती है, लेकिन यहां यह कहना मुनासिब नहीं होगा कि सिर्फ सफाई होने से ही यह खतरा टल जाता है. क्योंकि लिफ्ट का यूज सैकड़ों लोग एक दिन में करते हैं. वैसे में सिर्फ सुबह की सफाई से करुणा का खतरा कम नहीं होता है.
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