नई दिल्ली: झारखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले कुछ दिनों से बहुत तेजी से बढ़ रही है. संख्या 63 हो चुकी है और 3 लोगों की मौत हुई है. हेमंत सरकार का कहना है कि कोरोना से लड़ने के लिए उनके पास सीमित संसाधन है, फिर भी राज्य सरकार हर संभव कदम उठा रही है, लेकिन संकट के इस दौर में केंद्र सरकार झारखंड की मदद नहीं कर रही है, झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. जिसका खंडन गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने किया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार के पास मजबूत इच्छाशक्ति नहीं है, इसलिए वो सारा ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ रहे हैं.
'झारखंड सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए हिम्मत नहीं'
झारखंड से बीजेपी के सांसद और वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे ने ईटीवी भारत से बातचीत में झारखंड सरकार पर करारा हमला बोला है. निशिकांत दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए हर राज्य सरकार बराबर है. झारखंड सरकार को केंद्र सरकार ने कहा है कि इस वायरस से लड़ने में जितना भी पैसा खर्च होगा वह केंद्र सरकार देगी. कई राज्य सरकार को केंद्र सरकार ने ऐसा कहा है. झारखंड सरकार को केंद्र सरकार ने पैसे दे दिए हैं लेकिन झारखंड सरकार के पास कोरोना से लड़ने के लिए हिम्मत नहीं है. वह अपनी नाकामी को छुपाने के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगा रही है.
'झारखंड सरकार में मंत्री सब आपस में लड़ रहे'
निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में तो लॉकडाउन की धज्जियां झारखंड के मंत्री उड़ा रहे हैं. कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम ने बसों में भर-भर कर संथाल परगना में लोगों को भेजा और उसके कारण संथाल परगना में खासकर देवघर में तेजी से कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं. लॉकडाउन में झारखंड में मस्जिदों में खुलेआम नमाज पढ़ा जा रहा है और उसको रोकने वाला कोई नहीं है. झारखंड सरकार में मंत्री हैं जगरनाथ महतो उनका कहना है कि ये जो दाल भात का किचन चल रहा है उसमें भ्रष्टाचार हो रहा है. झारखंड सरकार में मंत्री सब आपस में लड़ रहे हैं. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को कोई मतलब नहीं है कि कितना मास्क, सेनेटाइजर, पीपीई टिकट, वेंटिलेटर, दवाई चाहिये. उनको इससे मतलब है कि यह सब चीज कहां से खरीदी जायेगी, क्योंकि उनका कमीशन चाहिए. कोरोना के संकट के दौर में झारखंड सरकार सिर्फ पैसा कमाने और भ्रष्टाचार करने के लिए चिंतित है. केंद्र सरकार से पैसा मांगती है खुद के पॉकेट में रखने के लिये. मौजूदा झारखंड सरकार मधु कोड़ा पार्ट 2 की सरकार है.
जनता से कोई मतलब नहीं
निशिकांत दुबे ने कहा कि मंत्री बादल पत्रलेख के क्षेत्र में लोगों को कोरोना हो रहा है, लेकिन एक भी दिन वह अपने क्षेत्र में नहीं जाते हैं. जबकि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स को हेड कर रहे हैं. लॉकडाउन के कारण कोटा में झारखंड के कई छात्र फंसे हुए हैं, कई दूसरे राज्यों में झारखंड के मज़दूर फंसे हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार उनको वापस नहीं लाना चाहती है. इन लोगों को जनता से कोई मतलब नहीं है. जब यह कोरोना पूरी तरह समाप्त हो जाएगा और लॉकडाउन खत्म हो जाएगा तब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व, झारखंड बीजेपी प्रदेश नेतृत्व से आग्रह करेंगे कि झारखंड सरकार के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ी जाए. उन्होंने कहा कि वे अपनी संसदीय क्षेत्र गोड्डा के लोगों के संपर्क में निरंतर बने हुए हैं. राशन, दवाई जो जरुरी चीजें हैं वह मुहैया करा रहे हैं. उनके संसदीय क्षेत्र के जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं उनकी भी हर संभव सहायता कर रहे हैं.