रांची: झारखंड सहित देशभर में लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. एक ओर छठ व्रती नहाय-खाय और खरना की तैयारी कर रही हैं तो दूसरी ओर अर्घ्य के लिए छठ घाटों पर साफ-सफाई की जा रही है. राजधानी में भी छठ गीतों से भक्तिमय माहौल बनता जा रहा है लेकिन इसी बीच तालाबों के किनारे छठ घाट की लूट शुरू हो गई है.
स्थानीय लोग छठ घाट पर नाम, फ्लैट नंबर और मोबाइल नंबर लिखकर उसपर कब्जा करने लगे हैं. ऐसा करने वालों की दलील है कि अर्घ्य देने के दौरान उनके परिवार को परेशानी न हो, इसलिए वे घाटों पर अपना स्थान सुरक्षित कर रहे हैं. हालांकि घाटों पर कब्जा करने के बाद उसे बेचे जाने की शिकायत भी मिल रही है.
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छठ घाटों पर कब्जा और लूट का ये सिलसिला दुर्गा पूजा के बाद से ही शुरू हो जाता है. इसे रोकने के लिए नगर निगम ने जुर्माना तय कर रखा है लेकिन पर्याप्त सख्ती नहीं होने की वजह से लोग धड़ल्ले से घाटों पर कब्जा जमा लेते हैं. ईटीवी भारत के सवाल पर स्थानीय वार्ड पार्षद ने कहा कि वे लोगों से अपील करते हैं कि ऐसा कुछ भी न करें, जिससे दूसरे व्रतियों को परेशानी हो.
निगम की टीम कर रही निगरानी
शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा है कि पिछले साल नगर निगम ने चिन्हित स्थानों पर लिखे गए मोबाइल नंबर और एड्रेस को मिटाया था. इस बार भी निगरानी के लिए एनफोर्समेंट टीम को लगाया गया है और छठ घाट लूट करते पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी.
छठ के दौरान शाम और अगली सुबह सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. एक व्रती को घाट पर इस पूजा में लगभग आधे घंटे का समय लगता है. ऐसे में यदि सभी लोग मिलजुल कर एक दूसरे का सहयोग करें तो छठ की अनुपम छटा देखने को मिलेगी.