रांचीः अगर आप राजधानी रांची में रहते हैं और घर बंद कर शहर से बाहर जाने वाले हैं तो सावधान हो जाएं. क्योंकि आपके बंद घर चोरों के निशाने पर हैं. राजधानी रांची के शहरी और ग्रामीण इलाकों में इन दिनों एक ऐसा चोर गिरोह सक्रिय है, जो दिन में बंद घरों की रेकी करता है और रात में उसी घर में चोरी की वारदात को अंजाम देता है.
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कबाड़ी वाला, पेंटर बन करते हैं रेकी
इस गिरोह के सदस्य दिन के उजाले में कबाड़ी वाला बनकर मोहल्लों की रेकी किया करते हैं. यहां तक की आपके घर तक इस गिरोह के सदस्य कभी प्लंबर तो कभी पेंटर बनकर भी पहुंचते हैं. हाल में ही रांची पुलिस ने खलारी इलाके से इस गिरोह के 10 सदस्यों को धर-दबोचा था. गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ था कि यह गिरोह राजधानी रांची के ग्रामीण इलाकों में कुछ ज्यादा ही सक्रिय है. इनके निशाने पर वैसे घर होते हैं, जिनमें कोई नहीं होता है. रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि इस गिरोह 10 सदस्य पकड़े गए हैं, अभी-भी कई लोग बाहर हैं, जो चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
बेहद शातिर हैं गिरोह के सदस्य, मोबाइल का नहीं करते इस्तेमाल
इस गिरोह में 60 साल से लेकर 18 साल की उम्र तक के शातिर अपराधी शामिल है. इस गिरोह के सदस्य भली-भांति जानते है कि अगर वह लोग मोबाइल फोन का प्रयोग करेंगे तो पुलिस उन्हें तुरंत धर-दबोचेगी. इस वजह से इस गिरोह के लोग कभी-भी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. गिरोह के वरिष्ठ सदस्यों ने अपने सभी सदस्यों को यह ताकीद दी है कि वह कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल ना करें. खासकर जब वो बंद घरों की रेकी करते हैं और चोरी करते हैं.
टेक्निकल सेल की पकड़ से दूर
मोबाइल फोन की सहज उपलब्धता के बाद लोगों को बेहद सुविधा हुई, मोबाइल फोन के जरिए अपराधियों का पकड़ा जाना भी कई जगह काफी आसान हो गया. आपराधिक वारदातों को अंजाम देने समय किसी ना किसी अपराधी के पास मोबाइल जरूर मौजूद रहता है, वह उस मोबाइल से अपने साथियों से संपर्क करता है. पुलिस की टेक्निकल टीम इसी मोबाइल के आधार पर अपराधियों तक पहुंचने में कामयाब हो जाती थी. लेकिन यह चोर गिरोह इतना शातिर है कि यह मोबाइल का प्रयोग ही नहीं करता है.
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सिर्फ कीमती सामानों पर करते हैं हाथ साफ
यह गिरोह सिर्फ कीमती सामानों पर ही हाथ साफ करता है, घर के गहने और पैसे इनके निशाने पर होते हैं. बंद घर की सुबह से शाम रेकी करने के बाद देर रात चोरी की वारदातों को अंजाम देता है.
ग्रामीण इलाके में लगातार चोरी की वारदात
इस गिरोह के निशाने पर सबसे ज्यादा राजधानी के ग्रामीण इलाके हैं. हाल के दिनों में 1 दर्जन से अधिक चोरी की वारदातें रांची के अलग-अलग थानों में दर्ज हुई है. अधिकांश बंद घरों को निशाना बनाया गया है, जो बंद पड़े थे. पुलिस को अंदेशा है कि इस गिरोह की ओर से ही इन घरों में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है.
मुखबिर नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा
रांची के सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा के ज्वाइन करने के बाद रांची पुलिस में मैनुअल नेटवर्क को भी एक बार फिर से दुरुस्त किया जा रहा है. पुलिस का मैनुअल नेटवर्क उनके मुखबिर होते हैं. खलारी में पकड़े गए चोर गिरोह के 10 सदस्य भी मैनुअल नेटवर्क के जरिए ही पकड़े गए थे. क्योंकि पकड़े गए चोरों ने कभी भी मोबाइल का इस्तेमाल वारदात के समय नहीं किया था.