रांची: क्या आपने स्कूटर पर सांड की सवारी करते हुए देखा है, या सुना है. लेकिन यह सही है. यह मैं किसी फिल्म की बात नहीं कर रहा हूं बल्कि सरकारी दस्तावेज की बात कर रहा हूं. जो देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने इसका रहस्योदघाटन किया है. दरअसल, यह मामला 1990-92 के बीच का है जब देश का सबसे बड़ा घोटाला संयुक्त बिहार के समय झारखंड के रांची डोरंडा ट्रेजरी से जुड़े हुए मामले में प्रकाश में आया था. कहने को तो यह चारा घोटाला के नाम से यह जाना जाता है, मगर इस महाघोटाले में पशुओं को भी फर्जी रुप से स्कूटर पर ढोने की पूरी दास्तान है.
ये भी पढ़ें-लालू की फिर बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानिए डोरंडा ट्रेजरी से जुड़ा चारा घोटाला केस क्यों है अहम
हरियाणा से रांची फर्जी रुप से पहुंचा था स्कूटर पर सांड: सीबीआई जांच के क्रम में यह भी पाया गया कि डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में 400 सांड हरियाणा और दिल्ली से स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया. हिन्दुस्तान लाइव स्टॉक एजेंसी दिल्ली के आपूर्तिकर्ता संदीप मल्लिक इस मामले में आरोपी बनाये गये हैं. पशुपालन विभाग ने इस पर 1990-92 के दौरान करीब 20 लाख रुपये खर्च किये थे. इतना ही नहीं पशुपालन विभाग ने इस दौरान क्रॉस ब्रिड बछिया और भैंस की खरीद पर 84 लाख 93 हजार 900 रुपये का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के दिवंगत प्रोपराइटर विजय मल्लिक को की थी. इसके अलावे विभाग ने भेड़ और बकरा की खरीद पर 27 लाख 48 हजार रुपया खर्च किया था.