झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

71 लाख लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया की दवा, कल से शुरू होगा अभियान, पढ़ें रिपोर्ट

रांची में 71 लाख लोगों को फाइलेरिया उन्मूलन की दवा खिलाई जाएगी. इसके लिए 22 फरवरी से 27 फरवरी तक अभियान चलाया जाएगा. इसके तहत स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में कार्यक्रम की वर्चुअल शुरुआत की है.

filaria-eradication-medicine-will-be-given-to-71-lakh-people
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता

By

Published : Feb 21, 2021, 8:19 PM IST

रांची:साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में 22 फरवरी से 27 फरवरी तक अभियान चलाकर लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खिलाई जाएंगी. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में वर्चुअल कार्यक्रम(एमडीए) की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाए की कोई भी व्यक्ति खाली पेट दवा न खाए. उन्होंने कहा कि एमडीए कार्यक्रम में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार, फाइलेरिया रोधी दवाओं की खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की तरफ से खिलाई जाएगी.

इसे भी पढ़ें-शॉर्ट-सर्किट से घर में लगी आग, सिलेंडर फटने से आग बुझाने गए ग्रामीण बाल-बाल बचे

कार्यक्रम की करें समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन निदेशक रवि शंकर शुक्ला को निर्देशित किया कि चारों जिले के उपायुक्तों के साथ समन्वय बनाकर 22 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम की गहन समीक्षा करते रहें, जिससे कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके और अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हो सकें. इसके साथ ही, उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य में फाइलेरिया से संक्रमित समस्त मरीजों को सूचीबद्ध किया जाए ताकि, उनके स्वास्थ्य की गहन निगरानी की जा सके और उनके रोग का उपचार सही तरीके से हो सके. इससे फाइलेरिया रोग के प्रसार को रोकने में भी सफलता मिलेगी.

पुरुषों में होता है अधिक खतरा
राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीजेज, डॉ. एस.एन.झा ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से इस एमडीए कार्यक्रम में 71 लाख चार हजार 911 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि बचपन में होने वाला फाइलेरिया संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. इससे व्यक्ति के अंगों में असामान्य सूजन आ जाती है. फाइलेरिया से ग्रसित लोगों को भीषण दर्द और सामाजिक भेदभाव भी सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका और काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है. महिलाओं और बच्चों की तुलना में, पुरुषों में इस संक्रमण के होने की आशंका दोगुना होती है. इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि सभी लोग इस संक्रमण से स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए साल में एक बार प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की तरफ से मुफ्त दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन अवश्य करें.


इन लोगों ने मीटिंग में लिया भाग
वर्चुअल मीटिंग में साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ जिलों के उपायुक्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन के (एनटीडी) के राज्य समंवयक और स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्य पदाधिकारियों ने भी भाग लिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details