रांचीः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में एक बार फिर जूनियर डॉक्टर और परिजनों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है. दरअसल रिम्स के इमरजेंसी में भर्ती एक मरीज की मौत के बाद डॉक्टर और मृतक के परिजनों के बीच मारपीट हो गई, जिसके बाद डॉक्टरों ने हंगामा शुरू कर दिया. इसके साथ ही चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और कार्रवाई की मांग को लेकर आधी रात से कार्य बहिष्कार की धमकी दे दी.
रिम्स में मरीज के परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट, हड़ताल पर जाने की दी धमकी - रांची समाचार
11:38 October 27
रिम्स में मारपीट
काला पट्टा बांधकर प्रदर्शन
धनबाद से आए किडनी के मरीज प्रमोद कुमार सिंह की अचानक मौत हो गई. उनका इलाज पिछले कई दिनों से रिम्स में चल रहा था, लेकिन मौत होने के बाद जैसे ही परिजनों को सूचना मिली वह डॉक्टरों के साथ बदसलूकी करने लगे. इसके बाद मरीज के परिजनों और डॉक्टर के बीच मारपीट हो गई. इसके विरोध में इमरजेंसी में डॉक्टर काला पट्टा बांधकर प्रदर्शन कर करने लगे.
मरीज के परिजन पर कार्रवाई की मांग
सोमवार देर शाम हंगामे को बढ़ते देख रिम्स में तैनात सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मियों ने शव को अपने कब्जे में लेकर मोर्चरी हाउस में रख दिया. वहीं, मंगलवार की सुबह जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी में एकजुट होकर अपनी सुरक्षा और प्रबंधन और प्रशासन से मरीज के परिजन पर कार्रवाई की मांग करने लगे. मामले की सूचना पर पहुंची बरियातू थाना पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर परिजनों को सौंप दिया और उन्हें धनबाद के लिए भेज दिया.
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डॉक्टर के साथ बदसलूकी
रिम्स में कार्यरत जूनियर चिकित्सक डॉ शोभा ने बताया कि जैसे ही परिजन को मरीज की मौत की सूचना दी गई मरीज के परिजन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर नेहा राय के साथ बदसलूकी करने लगे. सूचना मिलने पर रिम्स के सभी जूनियर चिकित्सक मौके पर पहुंचे और अपनी सुरक्षा की मांग करने लगे.
परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार
वहीं, मरीज के परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों के साथ कहीं से भी बदसलूकी नहीं की गई है. डॉक्टरों की ओर से लगाए गए आरोप सरासर गलत है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टरों ने महिला के साथ मारपीट की. प्रशासन और सरकार से न्याय की मांग करते हैं.
कार्य बहिष्कार करने की चेतावनी
फिलहाल जूनियर चिकित्सक संघ अधीक्षक के कार्यालय के समक्ष अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं. उन्होंने प्रबंधन को चेतावनी दी है कि अगर देर शाम तक मरीज के परिजनों पर कार्रवाई नहीं होती है तो मध्य रात्रि से सभी जूनियर डॉक्टर कार्य बहिष्कार करेंगे.