रांचीः झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां दिन है(Fifth day of winter session of Jharkhand Assembly). आज भी प्रश्नकाल के अलावा 22 दिसंबर की तरह सत्र का संचालन होगा. इससे पहले सत्र के चौथे दिन विधानसभा में विधायकों कई मुद्दों पर सवाल उठाए, जिस पर संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिया. इस दौरान कई बार सदन का माहौल गर्म भी हुआ.
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बता दें कि सत्र के चौथे दिन गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा और मंत्री मिथिलेश ठाकुर में जमकर खींचतान हुई (Heated debate in assembly ). दरअसल, नीलकंठ सिंह मुंडा का कहना था कि खूंटी के लतरातू डैम से बमरजा/डुमारी से खरतंगा की ओर जाने वाली के नहर पर बने दो पुल टूट चुके हैं. इसकी वजह से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ गई है. गाड़ी से जाने के लिए लंबा रूट तय करना पड़ता है. इसका निर्माण जल्द होना बेहद जरूरी है.
जवाब में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि दोनों पुल के दोबारा निर्माण के लिए डीपीआर तैयर किया जा रहा है. स्वीकृति के बाद टेंडर निकालकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा. इसी सवाल के साथ विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने 15 दिन पूर्व टूट गये पहाड़टोली पुल का भी जिक्र करते हुए, उसके निर्माण की भी मांग रखी. इसपर मंत्री ने कहा कि तीसरे पुल के निर्माण के लिए भी प्रक्रिया शुरू की जाएगी. खींचतान तब बढ़ गयी जब नीलकंठ सिंह मुंडा ने समय सीमा तय करने की मांग रख दी. उन्होंने कहा कि तीन बेहद छोटे पुलिया हैं. इनके टूटने की वजह से ग्रामीण परेशान हैं. इसलिए मंत्री जी को समय सीमा बताना चाहिए.
इसी बात पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आप मुंह में उंगली डलवाकर बुलवाना चाह रहे हैं. दो पुलिया के लिए रिजिड हो गये हैं. आप तो खुद ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. आपको पता होना चाहिए कि इसके लिए एक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. जवाब में नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि मुझे प्रक्रिया मालूम है. कुछ चीजें नॉन प्लान से भी कर दी जाती हैं. ऐसे ही पांच बार विधायक नहीं बने हैं. दोनों माननीयों के बीच खींचतान बढ़ी तो स्पीकर ने हस्तक्षेप किया. फिर मंत्री ने कहा कि वह जल्द से जल्द तीनों पुलिया का निर्माण कार्य कराने की कोशिश करेंगे.
झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र (Jharkhand Assembly Winter Session) के दौरान चौथे दिन भाजपा विधायक अमर बाउरी ने चंदनक्यारी विधानसभा क्षेत्र के चास प्रखंड में मौजूद लोतन बांध का मामला (Lotan Dam issue) उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा था कि केलिया डाबर 10 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला यह बांध जर्जर हो गया है. इस बांध की वजह से आस-पास के इलाकों के किसान खेतों में सिंचाई करते हैं. यही नहीं स्थानीय लोग अपने अन्य काम के लिए यहां से पानी लेते हैं. लेकिन लोतन बांध की हालत जर्जर हो गई है. खास बात है कि इस सवाल पर जल संसाधन विभाग की ओर से जवाब आया था. विभाग ने विधायक अमर बाउरी के सवाल को सही भी ठहराया था. साथ ही यह भी कहा था कि जिस लोतन बांध की बात की जा रही है, वह आहर है. इसपर जल संसाधन विभाग का स्वामित्व नहीं है.