रांची: वैश्विक महामारी कोरोना काल में कृषि विज्ञान केंद्र और किसी वैज्ञानिक हमारे अन्नदाता से दूर हैं. वहीं, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के बिरसा हरियाली रेडियो किसानों तक आधुनिक तरीके और सलाह पहुंचाने में कारगर साबित होता, लेकिन खराब सिस्टम के कारण बिरसा हरियाली रेडियो बंद पड़ा हुआ है. 2008 में राज्यपाल डॉ सैयद सिब्ते रजी ने इसे शुरू कराया था, लेकिन इसकी आवाज अब कहीं गुम हो गई है.
कृषि पराग कार्यक्रम
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के रेडियो स्टेशन के स्टूडियो में बैठकर कृषि वैज्ञानिक अपने किसानों को तरह-तरह के सलाह और खेती करने की तकनीकों को बताते थे, लेकिन यह अब स्टूडियो बंद पड़ा हुआ है. स्टूडियो के रेडियो के माध्यम से नहीं, बल्कि यूनिवर्सिटी के वेबसाइट के माध्यम से अब किसानों तक वह संदेश पहुंच रहा है. 2008 में शुरू हुए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के बिरसा हरियाली रेडियो FM107.8 सालों से बंद है. पहले किसान भाइयों के लिए इससे न सिर्फ 7-8 कृषि पराग कार्यक्रम हुआ करता था, बल्कि कार्यक्रम के बीच-बीच में नागपुरी गीतों को भी बजाया जाता था.
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