झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

फिर सुखाड़ की दहलीज पर झारखंड, राज्य में सामान्य से 45 फीसदी कम हुई बारिश

झारखंड एक बार फिर से सूखे की दहलीज पर खड़ा है. मौसम विभाग के अनुसार अब तक राज्य में 45 फीसदी कम बारिश हुई है. ऐसे में किसान परेशान होने लगे हैं.

famine in Jharkhand
famine in Jharkhand

By

Published : Jul 22, 2023, 8:16 PM IST

Updated : Jul 23, 2023, 9:22 PM IST

रांची: 2022 में झारखंड के 22 जिलों के 226 प्रखंडों में पड़े भयंकर सुखाड़ के बाद 2023 में भी एकबार फिर राज्य अकाल की दहलीज पर खड़ा है. राज्य में 22 जुलाई तक सामान्य से 45% कम हुई मानसूनी बारिश का असर सीधे धान रोपनी पर पड़ा है. अच्छी बारिश की उम्मीद लगाकर किसानों ने अपने-अपने खेतों को जोताई कर तैयार रखा है. किसी तरह पानी की व्यवस्था कर खेत के एक कोने में बिचड़ा भी तैयार किया है, लेकिन इतनी वर्षा नहीं हो रही कि इन बिचड़ों को खेतों में रोपा जा सके. राज्य में 22 जुलाई तक के वर्षा का जिलेवार आंकड़ा यह बताता है कि कैसे मानसून की बेरुखी की वजह से राज्य में खेती बाड़ी तबाही की कगार पर है.

ये भी पढ़ें:झारखंड में लगातार दूसरे साल अकाल की आहट, खेत की जगह किसानों की आंखों में भरा पानी

कृषि निदेशालय से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में देर से मानसून आने के बाद यह उम्मीद जगी थी कि जुलाई महीने में अच्छी वर्षा होगी और स्थितियां अनुकूल हो जाएगी. जुलाई महीने में सामान्यतः 319.4 मिलीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस बार सिर्फ 108.5 मिली मीटर वर्षा हुई है. यानी सामान्य से 66% कम वर्षा. मौसम केंद्र रांची के अनुसार 25 जुलाई तक सूबे बहुत अच्छी बारिश की उम्मीद भी नहीं है.

झारखंड जिस तरह लगातार दूसरी बार सुखाड़ की दहलीज पर खड़ा है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2022 में जब राज्य में 226 प्रखंड सूखे की चपेट में थे उस समय 22 जुलाई तक सामान्य से 51% कम वर्षा रिकॉर्ड की गई थी. इस वर्ष भी अभी तक सामान्य से 45% कम मानसून की वर्षा हुई है. यह आंकड़े बताते हैं कि राज्य का बड़ा भूभाग इस बार भी अच्छी मानसूनी बारिश से वंचित है और राज्य के किसान परेशान हैं.

अच्छी वर्षा की उम्मीद में धान का बिचड़ा लगाने वाले किसान अभी तक किसी तरह पानी की व्यवस्था कर बिछड़े को बचा कर रखा है परंतु अब उनमें निराशा के भाव आने लगे हैं. खेत की जुताई निकाली से लेकर खाद्य बीज की व्यवस्था करने में पूंजी लगा चुके किसानों को अब लगने लगा है कि इस बार भी खेतों में लगाई पूंजी अब लौटने वाली नहीं है. यह और बात है कि झारखंड कृषि निदेशालय तथा कृषि विभाग की नजर 31 जुलाई तक राज्य में होने वाले वर्षा की स्थिति और खेतों में धान, मक्का, तिलहन, दलहन के आच्छादन की स्थिति पर टिका हुआ है.

Last Updated : Jul 23, 2023, 9:22 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details