रांची: लगातार हो रही बारिश से जहां राजधानी वासी खुश हैं, वहीं दूसरी ओर इस बारिश ने लोगों के लिए परेशानियां भी खड़ी कर दी हैं. बारिश की वजह से कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस वातावरण में सक्रिय हो गए हैं. इससे लोगों की सेहत को नुकसान हो रहा है. लोग तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. रांची के रिम्स के मेडिसिन विभाग में वायरल फीवर और आई फ्लू के मरीज सबसे ज्यादा देखने को मिल रहे हैं.
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लोगों ने बताया कि बच्चों को स्कूल से यह इंफेक्शन फैल रहा है तो वहीं बड़ों को सार्वजनिक जगहों पर जाने से आई फ्लू का इंफेक्शन हो रहा है. रिम्स में पहुंचे कई मरीजों ने कहा कि जब वे अस्पताल पहुंचे तो उन्हें ज्यादातर वायरल फ्लू और आई फ्लू के मरीज पहले से भर्ती मिले.
कम प्रतिरोधक क्षमता से आई फ्लू का बढ़ता है खतरा: डॉक्टर बताते हैं कि आई फ्लू को मेडिकल भाषा में एडिनो वायरस कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं. अमूमन बारिश के मौसम में लोगों को सर्दी खांसी बुखार हो जाता है. क्योंकि उनका प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है. ऐसे में एडिनोवायरस नाम का संक्रमण लोगों की आंखों को क्षति पहुंचाता है और कम इम्यूनिटी सिस्टम रहने की वजह से लोग इससे ग्रसित हो जाते हैं.
प्रतिदिन 50 से 60 आई फ्लू के मरीज पहुंच रहे हैं रिम्स: आई फ्लू के बढ़ते केस को लेकर रिम्स के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ राजीव रंजन ने बताया कि निश्चित रूप से रिम्स में भी प्रतिदिन 50 से 60 केस ऐसे आ रहे हैं जो एडिनोवायरस कंजेक्टिवाइटिस से ग्रसित हैं. डॉ राजीव रंजन ने बताया कि कंजेक्टिवाइटिस से ग्रसित जो भी मरीज आ रहे हैं, उन्हें डॉक्टरी सलाह देकर यह बताया जा रहा है कि कैसे अपनी आंखों को सुरक्षित रखें.
लापरवाही से बढ़ सकती है परेशानी: कंजेक्टिवाइटिस वायरस में यदि लापरवाही बरती जाती है तो लोगों का कॉर्निया भी डैमेज हो सकता है. वहीं चिकित्सकों ने कहा कि यदि आंखों के सफेद हिस्से में अत्यधिक लाली दिखे तो तुरंत ही नजदीकी डॉक्टर या नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क करें.