रांचीः रांची के तुपुदाना के सौदाग घुटिया गांव के रहने वाले जियाउल अंसारी ने पुलिस को सूचना दी थी कि रोहित ने घर पर विस्फोटक छिपाकर रखा है. इस सूचना पर पुलिस ने रोहित के मकान में छापेमारी कर 50 पीस जिलेटिन और 50 पीस डेटोनेटर बरामद किया. पुलिस ने जब मामले की जांच की तो पता चला कि शिकायतकर्ता जियाउल अंसारी ने रोहित को फंसाने के लिए उसके घर पर विस्फोटक रखा था. इस पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया. इधर पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि शरीफ अंसारी और जियाउल अंसारी पीएलएफआई से जुड़े हुए हैं.
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पुलिस के मुताबिक, उसे सूचना मिली तो डीएसपी जीतबाहन उरांव, धुर्वा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार, तुपुदाना प्रभारी कन्हैया कुमार की टीम ने दल-बल के साथ आरोपी के सौदाग स्थित घर पर छापेमारी की और उसे पकड़ लिया. इसके बाद पुलिस की टीम ने उसकी निशानदेही पर शरीफ अंसारी और बिरसा बाखला को भी गांव से ही गिरफ्तार कर लिया. बिरसा के घर से पुलिस ने भारी मात्रा में फ्यूज वायर के अलावा पांच लाख रुपए नगदी भी बरामद की गई है. जियाउल अंसारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस के समक्ष अपना जुर्म स्वीकार किया है. पता चला है कि आरोपी कभी दोस्त थे.
ओपी प्रभारी ने बताया कि आरोपी जियाउल ने स्वीकार किया है कि रोहित को फंसाने के लिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रोहित के घर पर विस्फोटक रखा था. तीनों आरोपियों शरीफ, जियाउल और बिरसा को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है. आरोपी शरीफ व जियाउल के पीएलएफआई से कनेक्शन की जांच की जा रही है.
छह नवंबर की रात रखा था विस्फोटक
बता दें कि रोहित का मकान तुपुदाना के सौदाग में ही है. उसके आसपास में कोई मकान नहीं है. रोहित का मकान एस्बेस्टस का है. छह नवंबर की रात आरोपी शरीफ अंसारी और जियाउल अंसारी विस्फोटक के साथ उसके घर के पिछले हिस्से में गए और पीछे से बाउंड्रीवाल फंदकर परिसर में प्रवेश कर गए. इसके बाद जियाउल एस्बेस्टस पर चढ़ा और विस्फोटक रखकर नीचे उतर आया. इसके बाद दोनों बाइक से फरार हो गए.
सोमवार को जियाउल ने पुलिस को यह सूचना दी कि रोहित ने अपने मकान में विस्फोटक छुपाकर रखा है. इस सूचना के आधार पर पुलिस ने रोहित के घर के एस्बेस्टस से विस्फोटक बरामद कर लिया. इधर रोहित और उसके परिजनों से पुलिस ने जब पूछताछ की तो उन्हें इसकी कोई जानकारी ही नहीं थी.
एकांत में घर होने पर पुलिस को लगा कि कोई भी व्यक्ति इस घर पर सामान रखकर जा सकता है. तभी पुलिस को शिकायतकर्ता पर संदेह हुआ. पुलिस की टीम ने शिकायतकर्ता को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की, तब उसने राज खोला.