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बाबूलाल ने अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात को बताया वर्तमान राजनीतिक चर्चा का हिस्सा, पार्टी के विलय पर कही ये बात - जेवीएम पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की

झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी लंबे समय के बाद रांची लौटे हैं, जिसके बाद ही ईटीवी भारत ने बाबूलाल मरांडी से पार्टी विलय और बीजेपी में शामिल होने पर सवाल किए. सुनिए उन्होंने पार्टी विलय और जेवीएम पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के बारे में क्या कहा?

exclusive interview of babulal marandi with etv bharat
बाबूलाल मरांडी

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Published : Feb 10, 2020, 1:35 PM IST

रांची:झारखंड विकास मोर्चा सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी लंबे समय के बाद रांची लौटे हैं, ऐसे में लगातार चर्चा है कि 17 फरवरी को पार्टी का बीजेपी में विलय हो जाएगा. इसको लेकर सोमवार को ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा है कि अभी वह कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं. 11 फरवरी को केंद्रीय कार्यसमिति की बैठक है, उसमें जो निर्णय आएगा उसे बताया जाएगा.

देखें बाबूलाल मरांडी से खास बातचीत
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि केंद्रीय कार्यसमिति को लेकर कोई खास एजेंडा नहीं है. बैठक में एजेंडा तय होगा और उसकी जानकारी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता को संगठन मजबूत करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि जब तक संगठन मजबूत नहीं होगा, तब तक जन समस्याओं को लेकर पार्टी आगे कैसे लड़ेगी.

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वहीं, देश के गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि उनका 35 साल का राजनीतिक और सामाजिक जीवन रहा है और वह देश प्रदेश घूमते रहे हैं. ऐसे में उनका संबंध कई लोगों से है. ऐसे में वह देश प्रदेश की राजनीति को लेकर लोगों से मिलते रहते हैं.

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वहीं, जेवीएम पार्टी से निष्कासित विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव के विरोध किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों विधायकों को अपनी ओर से और पार्टी की ओर से स्वतंत्र कर दिया गया है. अब दोनों जहां चाहे वहां जा सकते हैं और जो चाहे वह बोल सकते हैं. उन्होंने दोनों को शुभकामना देते हुए कहा कि दोनों प्रदेश के सीनियर और जुझारू लीडर हैं. वैचारिक तौर पर थोड़ा मतभेद होता है, इसलिए दोनों को आजाद कर दिया गया है.

वहीं, सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस की तरफ से बाबूलाल मरांडी पर निशाना साधने के सवाल पर कहा कि लोकतंत्र में एक विचारधारा नहीं हो सकती. यही नेचर और लोकतंत्र की खूबसूरती है, इसलिए जो लोग उनके बारे में बोलते हैं. उससे वह सीखने की कोशिश करते हैं, उन्होंने कहा कि उनके बारे में जो भी आलोचना करते हैं, उनका वह स्वागत करते हैं.

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