रांचीः गर्मी का मौसम आते ही बिजली की खपत बढ़ जाती है. क्योंकि गर्मी में लोग पंखा, एसी, फ्रीज जैसे संसाधनों का ज्यादा उपयोग करते हैं, इसीलिए ऊर्जा विभाग पर बिजली उत्पादन का बोझ बढ़ जाता है. अगर झारखंड के बिजली व्यवस्था की बात करें तो अभी भी झारखंड के कई इलाकों में बिजली की व्यवस्था सुदृढ़ नहीं है, खास कर गर्मी के मौसम में बिजली संकट की समस्या बढ़ जाती है.
राजधानी सहित पूरे राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड की ओर से समय-समय पर व्यवस्था मजबूत की जाती है. जिससे राज्य के लोगों को पर्याप्त बिजली मिल सके. वर्तमान में झारखंड के लिए तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन, स्वर्णरेखा हाइड्रल प्रोजेक्ट सिकरी, एनटीपीसी/एनएचपीएल, आधुनिक पावर स्टेशन, इंडियन एक्सचेंज सहित विभिन्न माध्यमों से बिजली उत्पादन की जाती है.
इनके अलावा दामोदर वैली कॉरपोरेशन से भी राज्य के कई जिलों में बिजली उत्पादन किया जाता है. राज्य का 7 जिला डीवीसी कमांड एरिया के अंतर्गत आता है. जिसमें हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह शामिल है. लेकिन राज्य सरकार की ओर से समय पर डीवीसी को पेमेंट नहीं करने से आए दिन डीवीसी और राज्य सरकार के बीच अनबन देखने को मिलती है. जिस वजह से कई बार बिजली संकट राज्य में उत्पन्न हो चुकी है.
राज्य गठन के लगभग 20 साल बीत चुके हैं लेकिन अभी-भी बिजली की स्थिति राज्य में बहुत अच्छी नहीं है. राजधानी सहित राज्य के विभिन्न जिलों में लोड-शेडिंग की समस्या को लेकर लोग बताते हैं कि गर्मी के मौसम में बिजली कटौती ज्यादा होती है. ऐसे में फ्रीज रहने के बावजूद भी उपयोग नहीं हो पाता और हमारा खाने पीने का सामान खराब हो जाता है. राजधानी में वर्षों से रह रहे लोगों का कहना है कि पहले के अनुपात वर्तमान में बिजली की स्थिति सही है. अभी-भी जरूरत है कि शहर के प्रमुख इलाकों में बिजली उत्पादन बेहतर करें ताकि लोगों की आवश्यकता और रोजमर्रा की जिंदगी में बाधाएं ना आ सके.