रांची: गर्मी बढ़ने के साथ झारखंड में बिजली की डिमांड बढ़ गई हैं. डिमांड को पूरा करने में बिजली विभाग के पसीने छूट रहे हैं. हालत यह है कि पिछले 3 दिनों से लगातार तापमान में हो रही वृद्धि की वजह से बिजली की खपत अचानक बढ़ गयी है, जिसके कारण मांग के अनुरूप आपूर्ति करने में बाधा आ रही है. सामान्य दिनों में झारखंड में प्रतिदिन करीब 2400 मेगा वाट बिजली की खपत होती है. मगर पिछले 3 दिनों में डिमांड 2800 मेगावाट से ऊपर पहुंच गया है.
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एसी-कूलर के चलने से बढ़ी बिजली की डिमांड: गर्मी बढ़ने के साथ एसी, कूलर और पंखों के इस्तेमाल में आई तेजी से बिजली की मांग भी बढ़ी है. पावर डिमांड में हुई वृद्धि को पूरा करने के लिए ऊर्जा विभाग सेंट्रल पूल से प्रतिदिन 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली खरीद रही है. इसके बावजूद शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में लोड शेडिंग की जा रही है. झारखंड बिजली वितरण निगम के महाप्रबंधक ऋषि नंदन ने जानकारी देते हुए बताया कि लगातार बढ़ रही गर्मी की वजह से बिजली की मांग में वृद्धि हुई है. दिन में डिमांड को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का भी सहारा लिया जा रहा है. शाम के वक्त पीक आवर में सेंट्रल पुल से अतिरिक्त बिजली लेकर मांग को पूरा करने की कोशिश की जाती है.
ऋषि नंदन ने बताया कि दिन की अपेक्षा शाम के बाद करीब 250 मेगावाट की अतिरिक्त डिमांड होती है. उन्होंने बताया कि डीवीसी कमांड एरिया में 500 से 550 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है. शुक्रवार यानी 14 अप्रैल को संथाल और कोल्हान क्षेत्र में बिजली आपूर्ति नॉर्मल रही. हालांकि कुछ जगहों पर लोड शेडिंग और स्थानीय तकनीकी खराबी की वजह से बिजली आपूर्ति जरूर बाधित रही जिसे बाद में ठीक करा लिया गया.
अभी और बढ़ेगी बिजली की डिमांड, आपूर्ति के लिए विभाग ने की तैयारी:झारखंड में लगातार बढ़ रहे तापमान की स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भीषण गर्मी की वजह से बिजली की मांग इस बार रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचेगा. विभाग के अधिकारियों का मानना है कि आने वाले समय में 3000 मेगावाट के ऊपर की डिमांड होगी. इसे देखते हुए ऊर्जा विभाग में तैयारियां शुरू कर दी है. सेंट्रल पूल से ऊंचे दर पर बिजली खरीदने की तैयारी की गई है. राज्य भार प्रेषण केंद्र के महाप्रबंधक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि अभी फिलहाल बिजली की आपूर्ति सामान्य बनी हुई है.
15 अप्रैल यानी सुबह 8 बजे जारी रिपोर्ट के अनुसार 1509 मेगावाट के डिमांड को पूरा किया गया है, जबकि 1556 मेगावाट एसएलडीसी को उपलब्ध था. इस तरह से लोड शेडिंग नहीं हुई है. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सेंट्रल पूल से 1021 मेगावाट, इनलैंड से 52 मेगावाट, आधुनिक से 90 मेगावाट मिला है. दिन में सोलर सिस्टम प्रभावी रहने की वजह से मांग पूरा करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन शाम के बाद हाल के दिनों में बढ़ी गर्मी की वजह से बिजली की खपत बढ़ने लगी है. इसके कारण डिमांड बढ़ना स्वाभाविक है.