रांची: छात्रवृत्ति में कोई गोलमाल अब ना हो इसे लेकर विभाग सतर्क हो रहा है. 17 मापदंडों पर परखने के बाद ही अब छात्रवृत्ति दी जाएगी. इसके लिए प्लान तैयार किया गया है. झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान सभी संस्थानों और विद्यार्थियों के आवेदनों का भौतिक सत्यापन करने का आदेश सभी उपायुक्तों को दिया है.
झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद राज्य सरकार लगातार इस योजना को बेहतर करने की कोशिश में है. इसी कड़ी में अब उपायुक्तों को शिक्षा पदाधिकारियों के साथ मिलकर 17 मापदंडों को पूरा कर ही छात्रवृत्ति छात्रों को देने को लेकर सहमति देंगे. इन 17 मापदंडों को पूरा करने के बाद ही अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. कल्याण विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों के डीसी को इसे लेकर विशेष निर्देश दिया गया है. फर्जी पाए जाने पर वैसे स्कूलों और विद्यार्थियों पर कार्रवाई भी होगी. छात्रवृत्ति योजना को लेकर सरकार की ओर से एसीबी से जांच कराने का निर्णय लिया गया है. वहीं गड़बड़ी पकड़े गए विद्यार्थियों से छात्रवृत्ति की राशि वसूले जाने को लेकर भी निर्णय हुआ है. संबंधित वैसे फर्जी स्कूलों पर भी कार्रवाई होगी जो छात्रवृत्ति घोटाले मामले में सामने आए हैं.
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झारखंड में अब छात्रवृत्ति मिलना नहीं होगा आसान, 17 मापदंडों पर परखने के बाद ही मिलेगा फायदा - Minority scholarship
झारखंड में छात्रवृत्ति घोटाला सामने आने के बाद विभाग सतर्क होने लगा है. अब छात्रों को 17 मापदंडों पर परखने के बाद ही छात्रवृत्ति दी जाएगी. कल्याण विभाग की ओर से राज्य के सभी जिलों के डीसी को इसे लेकर विशेष निर्देश दिया गया है.
छात्रवृत्ति देने से पहले इन बिंदुओं पर रखी जाएगी नजर
अगर कोई संस्था फर्जी पाई जाती है तो उसके आवेदकों का भौतिक सत्यापन करने की आवश्यकता नहीं होगी. सत्यापन और छात्रवृत्ति के आवेदनों का भौतिक सत्यापन करने के लिए पर्याप्त संख्या में अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति होगी, जो जिला कल्याण पदाधिकारी को स्पष्ट अनुशंसा देंगे. उसके आधार पर डीईओ पोर्टल पर छात्रवृत्ति के आवेदन को सत्यापित करेंगे. सत्यापन का पर्यवेक्षण जिले के किसी वरीय पदाधिकारी से कराया जाएगा. संस्थान पर सत्यापन या पहला सत्यापन नहीं होने की स्थिति में भी जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना है. संबंधित संस्थान और उसके दस्तावेज की जांच में देखना होगा कि यूडीआईएसई कोड सही है या नहीं. यह काम जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला शिक्षा पदाधिकारी के रिकॉर्ड से होगा. ऐसे ही और भी कई बिंदुओं पर जांच करने के बाद ही छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी.