रांचीः कोल लिंकेज घोटाला मामले में ईडी के द्वारा गिरफ्तार कोयला कारोबारी इजहार अंसारी से पूछताछ लगातार जारी है. ईडी की जांच में इजहार का कबूलनामा झारखंड के कई अधिकारियों, सत्ता के करीबियों और कुछ राजनीतिक फैमिली के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. इजहार ईडी के रिमांड पर है और उससे छह दिन तक पूछताछ की जाएगी.
कई आएंगे राडार परःझारखंड में जमीन घोटाला, साहिबगंज में अवैध खनन, मनरेगा घोटाले में राज्य के कई आईएएस अधिकारी पहले से ईडी के रडार पर हैं लेकिन अब कोल लिंकेज घोटाले की जांच में आए तथ्यों से भी पूर्व में जेल में बंद पूजा सिंघल और अन्य कई बड़े ब्यूरोक्रेट्स की परेशानी बढ़ेगी. ईडी ने जांच में पाया है कि राज्य के खनन विभाग, जेएसएमडीसी के अफसरों के साथ मिलीभगत कर अपनी शेल कंपनियों के नाम पर इजहार अंसारी सब्सिडी में कोयले का उठाव करता था. इस कोयले का इस्तेमाल स्थानीय कंपनियों में किया जाना था, लेकिन पुलिस, खनन विभाग के अफसरों की मिलीभगत से कोयले को राज्य के बाहर की मंडियों में बेच दिया जाता था, बदले में नौकरशाहों और नेताओं को कमीशन के तौर पर मोटी रकम दी जाती थी.
19 टन कोयले की कालाबाजारी से खुला राज, कई कारोबारी रडार परःइजहार के द्वारा किए जा रहे कोयले की कालाबाजारी का राज झारखंड के रामगढ़ से खुला था. 20 जनवरी 2019 को रामगढ़ की मांडू पुलिस ने 19 टन कोयले के साथ चालक सैयद सलमानी को गिरफ्तार किया था. इस मामले की जांच पुलिस ने की तो पाया कि सीसीएल के तोपा कोलियरी से कोयले की खेंप मेसर्स ओम कोक इंडस्ट्रीज के लिए निकली है, लेकिन इसे बनारस की मंडी में भेजा जा रहा था. ओम कोक इंडस्ट्री इश्तियाक अहमद और मंजूर हसन की साझेदारी फर्म है, लेकिन इसका कंट्रोल इजहार के हाथों में था. जब्त ट्रक भी इजहार अंसारी की ही थी. जांच में कोयला तस्करी में संजू साव, दीपक साव, मो असलम और रिजवान की भूमिका सामने आयी थी. जिसके बाद मांडू पुलिस ने इस केस में इन सभी पर चार्जशीट की थी. ईडी ने इसी केस को आधार बनाते हुए दिसंबर 2023 में ईसीआईआर दर्ज किया. अब ईडी कोल इंडिया से निर्गत कोयले की तस्करी के पहलुओं पर भी जांच कर रही है.