रांचीः निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार से ईडी दूसरे दिन रविवार को भी पूछताछ कर रही है. विशेष अदालत के आदेश पर ईडी सुमन से रांची जेल में पूछताछ कर रही (ED interrogates CA Suman Kumar in Ranchi) है. सुमन से मनरेगा घोटाले और अवैध खनन के जरिए किन-किन अधिकारियों और नेताओं के पास कमीशन का पैसा पहुंचा था और किसके माध्यम से पहुंचाया जाता था इस मामले में ईडी पूछताछ कर रही है.
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आलाधिकारियों तक पहुंचता था काली कमाई का हिस्साःमिली जानकारी के अनुसार मनरेगा घोटाले और अवैध खनन मामले में कमीशन का पैसा निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के निर्देश पर संबंधित जिलों के डीएम और खनन कारोबारियों से वसूला जाता था. कमीशन के पैसे में आला अधिकारियों से लेकर कई रसूखदार लोगों का भी हिस्सा रहता था. कमीशन में किसको कितना पैसा मिलेगा, इसका निर्णय पूजा सिंघल ही करती थीं और उसके बाद सीए सुमन के द्वारा ही पैसे सभी हिस्सेदारों को पहुंचाया जाता था.
बड़ी कार्रवाई की तैयारीः मिली जानकारी के अनुसार सुमन से पूछताछ के क्रम में ईडी को कई ऐसे सफेदपोश लोगों के नाम का खुलासा हुआ है. जिन तक अवैध खनन के जरिए की गई काली कमाई का हिस्सा पहुंचता था. ईडी अब ऐसे लोगों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है. जानकारी यह भी है कि जल्द ही उनके ठिकानों और बैंक खातों तक ईडी पहुंचेगी.
पूछताछ के लिए दो दिन की इजाजतः अवैध खनन और मनरेगा घोटाले के जरिए की गई मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में सुमन कुमार से पूछताछ करने के लिए ईडी ने विशेष अदालत से अपील की थी. जिसके बाद जेल में ही ईडी को सुमन से दो दिनों तक पूछताछ करने का समय मिला है.
सुमन कुमार ने कई बार अस्पताल में कैश जमा कराएःपूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के अस्पताल का इस्तेमाल भी काली कमाई को सफेद बनाने में किया जाता था. पूर्व में सीए सुमन कुमार ने पूछताछ में बताया था कि उसके घर पर जो 19 करोड़ से अधिक नकदी बरामद की गई थी, उसमें से अधिकांश हिस्सा पूजा सिंघल का था. पूजा सिंघल के फेसटाइम नंबर की जानकारी सुमन कुमार ने भी दी है. सुमन कुमार ने 10 लाख रुपये पूजा सिंघल के भाई सिद्धार्थ सिंघल को भी दिए थे. वहीं जांच में यह बात सामने आई है कि पल्स अस्पताल में छह से सात बार सुमन कुमार ने 10- 10 लाख जमा कराए थे, ताकि फर्जी बिल और रसीद बनायी जा सके.
झारखंड सरकार को अवैध खनन से 155 करोड़ का नुकसानःईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि वर्ष 2020 से साहिबगंज और उससे सटे इलाके में अवैध खनन और परिवहन के कारण 155 करोड़ से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ था. ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया कि स्टोन चिप्स के 3531 रैक बगैर चालान ही अलग-अलग जगहों से भेजे गए. ईडी को अंदेशा है कि राजस्व का नुकसान 155 करोड़ से अधिक का भी हो सकता है. ईडी ने अपने हालिया आरोप पत्र में 1000 करोड़ से अधिक का अवैध खनन होने का दावा किया है. ईडी के आरोप पत्र में जिक्र है कि तकरीबन 6295773 क्यूबिक मीटर स्टोन चिप्स रैक के जरिए बगैर चालान बाहर भेजा गया. इस संबंध में मालदा रेल डिविजन से भी जानकारी ईडी ने ली है.