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अमित अग्रवाल के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का बड़ा साक्ष्य, जगतबंधु के बैंक खाते खोल रहे पोल - रांची न्यूज

सेना जमीन घोटाला से जुड़े मनी लाउंड्रिंग मामले में ईडी की जांच तेज होती जा रही है. ईडी को कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ कई सबूत मिले हैं.

ED got many evidence against Amit Agarwal
ED got many evidence against Amit Agarwal

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Published : Jun 9, 2023, 6:42 AM IST

रांचीः कोलकाता के बड़े कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ ईडी को कई अहम सबूत हाथ लगे हैं. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमित अग्रवाल ने जगतबंधु टी एस्टेट के खातों में करोड़ों रुपए डाले थे, खातों की जांच के दौरान ईडी को इस तरह की अहम जानकारियां मिली हैं.

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रिश्तेदार के नाम पर खोली थी जगतबंधु टी एस्टेट कंपनीःरांची में सेना जमीन की खरीद में कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल के खिलाफ ईडी को बड़ा साक्ष्य मिला है. अमित अग्रवाल ने अपने रिश्तेदार दिलीप घोष के नाम पर जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी खोली थी. मनी लाउंड्रिंग और अवैध तरीके से अर्जित 4 करोड़ 69 लाख 80 हजार रुपये अमित अग्रवाल ने जगतबंधु टी एस्टेट के आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के खाता 10060532973 में डलवाए थे. पैसे जगतबंधु के खाते में डिपोजिट होने के तत्काल बाद मेसर्स राजेश ऑटो मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड के खाते में डाले गए, ईडी ने जांच में पाया है कि अमित अग्रवाल के स्वामित्व वाली राजेश ऑटो में कुल 4 करोड़ 13 लाख 87 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. मनी लाउंड्रिंग के लिए जगतबंधु टी एस्टेट कंपनी और उसका बैंक खाता अमित अग्रवाल के ही पते पर खोला गया था. गौरतलब है कि अमित अग्रवाल के साथ साथ ईडी ने दिलीप घोष को भी गिरफ्तार किया है. दोनों से पूछताछ के लिए ईडी ने विशेष अदालत में रिमांड के लिए प्रे भी किया है.

अमित अग्रवाल के कर्मचारी ही डालते थे कैशःईडी ने जब जगतबंधु के खातों को खंगाला तब पाया कि अग्रवाल के करीबी विकास जाना, दिलीप शाह ने पूरी राशि जमा करायी थी. ईडी ने पीएमएलए की धााराओं के तहत पूछताछ की, तब पता चला कि दोनों अमित अग्रवाल के ही कर्मचारी हैं. ईडी ने जांच में पाया है कि जगतबंधु टी एस्टेट के निदेशक भले ही दिलीप घोष हों, लेकिन कंपनी के लाभ के असल मालिक अमित अग्रवाल रहे हैं. जगतबधु के खातों से अमित अग्रवाल की कंपनी मेसर्स औरा स्टूडियोज प्राइवेट लिमिटेड, राजेश ऑटो में पैसों के ट्रांसफर लगातार होने को ईडी ने माना है कि तीनों कंपनियों को अमित अग्रवाल ही लीड करते थे. रांची में सेना की जमीन की खरीद के लिए भी अमित अग्रवाल ने जगतबंधु टी एस्टेट के नाम का इस्तेमाल किया, इस पूरी साजिश में अवैध खनन केस में जेल में बंद प्रेम प्रकाश की सहयोगी की भूमिका में था. ईडी ने अमित अगव्राल के रिमांड पीटिशन में बताया है कि पूर्व डीसी छविरंजन ने भी इस साजिश को अंजाम देने में अपने पद का दुरूपयोग किया.

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