रांची: सरना आदिवासी धर्म कोड पर झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में चर्चा के दौरान पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टीका टिप्पणी हुई. विपक्ष ने झारखंड में बढ़ रहे अपराध का जिक्र किया तो जवाब में सीएम ने कहा कि फ्री डेटा देंगे तो यही होगा. उन्होंने कहा कि फ्री डाटा के साथ मोबाइल भी बांटा जा रहा है. इसकी वजह से अश्लील और गंदे फोटो देखकर युवा गुमराह हो रहे है. गैंगरेप की घटनाएं क्यों बढ़ रही है, समझा जा सकता है.
पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर टिप्पणी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह आदिवासियों से जुड़ा एक ऐसा मामला है जिस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन जहां इतने दल जमा हो वहां राजनीति न हो यह संभव ही नहीं है. उनका कहना है कि स्लो पॉइजन की तरह आदिवासियों का हक मारा जाता रहा है. बौद्धिक क्षमता नहीं होने के कारण आदिवासी अपने हक की आवाज नहीं उठा पाए. तब भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि 1961 में जनगणना प्रपत्र से कांग्रेस के राज में सरना शब्द हटाया गया था. फिर भी आप कांग्रेस के साथ गलबहियां डालकर बैठे हुए है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप जिस जमाने की बात कर रहे है उस वक्त मेरा जन्म भी नहीं हुआ था. अगर ऐसी बात थी तो आप लोगों को आवाज उठानी चाहिए थी.