भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी का मिशन कश्मीर आज से शुरू होने जा रहा है. 31 जुलाई से 15 तक अगस्त धोनी दक्षिण कश्मीर में विक्टर फोर्स के साथ तैनात रहेंगे.
धोनी ने इसी पोस्टिंग की मांग की थी, जिसे आर्मी मुख्यालय की ओर से मंजूर कर लिया गया है. भारतीय सेना के अनुसार धोनी कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाने वाले विक्टर फोर्स के साथ ड्यूटी करेंगे और वह गश्त, गार्ड, पोस्ट ड्यूटी पर सैनिकों के साथ रहेंगे. ड्यूटी के दौरान वे सैनिकों के साथ ही रहेंगे और एक सैनिक जैसी दिनचर्या का पालन करेंगे.
अवंतीपोरा में पोस्टिंग
दक्षिण कश्मीर के अवंतीपोरा में धोनी की पोस्टिंग हो रही है. अवंतीपोरा पिछले कुछ समय से आतंकी गतिविधियों का हब रहा है, ऐसे में धोनी की पोस्टिंग एक अहम जगह हो रही है. बता दें कि धोनी टेरिटोरियल आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. इसी ट्रेनिंग का हिस्सा होने की वजह से उन्होंने BCCI को पहले ही लिख दिया था कि वह वेस्टइंडीज़ दौरे पर टीम का हिस्सा नहीं रहेंगे.
सेना से मांगी थी परमिशन
धोनी को लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है. उन्हें यह रैंक भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट में मिली है. माही ने पहले ट्रेनिंग के लिए सेना से परमिशन मांगी थी, जिसके बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें इसकी मंजूरी दी और उनका विक्टर फोर्स के साथ ट्रेनिंग करना फाइनल हुआ. उन्होंने आगरा में पैरा-रेजिमेंट में दो सप्ताह का प्रशिक्षण भी किया है.
दिन-रात करेंगे ड्यूटी
धोनी को यहां दिन और रात दोनों ही शिफ्ट में ड्यूटी देनी होगी. इस दौरान धोनी के पास 3 मैगजीन जिसका वजन 5 किलो, वर्दी 3 किलो, जूते 2 किलो, 3 से 6 ग्रेनेड 4 किलो, हेलमेट 1 किलो, बुलेटप्रूफ जैकेट 4 किलो सामान रहेगा. जिनका कुल वजन 19 किलो है.
क्या-क्या होंगी ड्यूटी
श्रीनगर के बादामी बाग कैंट एरिया में धोनी 8-10 सैनिकों के दस्ते में गश्त करेंगे. उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट, एके-47 राइफल और 6 ग्रेनेड दिए जाएंगे. इस ड्यूटी का मकसद लोगों के साथ मेल-मिलाप और इलाके से खुफिया जानकारियां जुटाना होता है. वहीं, धोनी को बतौर गार्ड यूनिट की रखवाली का काम मिलेगा. यह काम 4-4 घंटे की दो शिफ्ट में होगा। यह दिन और रात, दोनों तरह की ड्यूटी है. दिन की ड्यूटी पर धोनी का सुबह 4 बजे उठना होगा. रात की ड्यूटी होने पर उन्हें सुबह जल्दी उठने से छूट मिलेगी. वहीं, पोस्ट ड्यूटी में उन्हें बंकर में बिना पलक झपके खड़े रहना पड़ सकता है. ऐसा 2-2 घंटे की शिफ्ट में तीन बार होगा.