रांची: आदिवासी समाज झारखंड विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित किए जाने के बाद केंद्र सरकार से सरना आदिवासी धर्म कोड के प्रस्ताव को पास करने को लेकर आदिवासी समाज के लोग अपनी रणनीति तैयार कर रहे हैं. इसी कड़ी में आदिवासी सेंगेल अभियान, केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 6 दिसंबर को हुए रोड रेल चक्का जाम की समीक्षा है.
केंद्र से सरना धर्म कोड पारित करने की मांग, 31 जनवरी को फिर किया जाएगा रेल-रोड चक्का जाम
सरना आदिवासी धर्म कोड पारित करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. 31 जनवरी को एक बार फिर इसको लेकर रोड रेल चक्का जाम किया जाएगा.
प्रस्ताव पास करने का अल्टीमेटम
केंद्र सरकार को 31 दिसंबर तक प्रस्ताव पास करने का अल्टीमेटम दिया गया है. प्रस्ताव पास करने का अल्टीमेटम दिया गया है. 31 दिसंबर तक अगर प्रस्ताव केंद्र से पास नहीं होती है तो 31 जनवरी को पूरे देश भर में एक बार फिर राष्ट्रव्यापी रोड रेल चक्का जाम किया जाएगा. इसके बाद भी बात नहीं बनती है तो आने वाले दिनों में अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की जाएगी. आदिवासी संगठनों की तरफ से देशव्यापी रेलरोड चक्का जाम किया जा चुका है. आदिवासी संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार को इसे 31 दिसंबर तक लागू करने और आदिवासी समाज के साथ वार्ता करने का अल्टीमेटम दिया गया है. केंद्र सरकार इस पर मौन रही, इसलिए आदिवासी समाज ने आज रेलरोड चक्का जाम करने का निर्णय लिया है.
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आदिवसी सेंगेल अभियान
आदिवसी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने सरना आदिवासियों से अपील की है कि विवाह, पार्टी और संगठनों के बंधन से ऊपर उठकर आंदोलन में शामिल हो जाए. सरना धर्म मान्यता का मामला पार्टी और संगठनों से बड़ा है. यह अस्तित्व की पहचान और हिस्सेदारी का मामला है. आदिवासी सेंगेल अभियान केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद की तरफ से आंदोलन के दूसरा चरण की घोषणा कर दी गई है. 31 जनवरी 2021 को फिर जोरदार राष्ट्रव्यापी रोड रेल चक्का जाम किया जाएगा. पहले चरण में 6 दिसंबर 2020 का चक्का जाम का व्यापक जनसमर्थन मिला है.