पटनाः कहते हैं सर्दियों का मौसम हो और गर्मागर्म चाय मिल जाए तो क्या कहना...ये लाइनें राजधानी में कुल्हड़ की चाय की टपरियों पर लगने वाली भीड़ पर बिल्कुल सटीक बैठती है. लोग इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में चाय के साथ फुर्सत के कुछ पल निकाल लेते हैं, जो उन्हें दोबारा तरोताजगी से भर देती है. लोग अपने परिवार के साथ हो, ऑफिस के कलिग्स हो या दोस्तों के साथ अक्सर टपरी पर कुल्हड़ वाली चाय के मजे लेते दिख जाते हैं.
चाय का स्वाद लाजवाब
सर्दियों में चाय किसी वरदान से कम नहीं होता. राजधानी के लोगों को ठंड के मौसम में मिट्टी के बर्तन में बने चाय खूब पसंद आ रहे हैं. पटना के अमूमन हर एक चौक-चौराहे पर आज कल काफी भीड़ दिखती है जहां मिट्टी के कुल्हड़ में चाय बेचा जाता है. चाय के शौकीन मानते हैं कि चाय का स्वाद लाजवाब होता है इसीलिए हम इसे पीते हैं, वहीं स्वास्थ्य के लिहाज से भी इसे काफी सेहतमंद माना जाता है.
मिट्टी के बर्तन में चाय पीना पसंद करते हैं लोग
बोरिंग रोड स्थित स्पेशल हांड़ी चाय दुकान पर पहुंचे लोगों ने बताया कि फुर्सत के पलों में उन्हें यहां आकर चाय की चुस्की लेना बेहद पसंद है. लोगों का कहना है कि प्लास्टिक या कांच के ग्लास से ज्यादा मिट्टी के बर्तन में चाय पीना उन्हें पसंद है.
"मिट्टी के बर्तन से आती सौंधी खुशबू चाय के स्वाद को कई गुना बढ़ा देती है. हमलोग इसिलिए अक्सर दोस्तों और परिवार के साथ यहां आकर कुल्हड़ की चाय पीना पसंद करते हैं."- चंदन, ग्राहक
"ठंड के दिनों में ज्यादा संख्या में लोग यहां चाय पीने पहुंचते हैं. हम लोग मिट्टी के बर्तन में ही दूध उबालने से लेकर चाय बनाने का काम करते हैं. इससे चाय का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है."- उमेश कुमार पंडित, चाय दुकानदार
चाय की चुस्की लेते ग्राहक बंगाल और दार्जिलिंग से मंगाया जाता है कुल्हड़
स्पेशल हांड़ी चाय बेचने वाले उमेश कुमार पंडित ने बताया कि मिट्टी के कुल्हड़ बंगाल और दार्जिलिंग से मंगाया जाता है. पटना में व्यापारी प्रतिदिन आकर चाय दुकानदारों तक कुल्हड़ सप्लाई करते हैं. उन्होंने बताया कि मिट्टी के कुल्हड़ की कीमत 230 रुपये प्रति सैकड़ा है. उमेश ने बताया कि कुल्हड़ मजबूत होता है. इससे इसके टूटने की टेंशन कम रहती है.
ठंड में बढ़ी चाय की बिक्री
उमेश कुमार पंडित ने बताया कि कुल्हड़ की कीमत ज्यादा होने की वजह से चाय 10 रुपये प्रति कप बेचते हैं. उन्होंने बताया कि जिस मिट्टी के हांडी में चाय बनाते है या दूध उबालते है उसे दो तीन दिन में बदलना होता है क्योंकि ये मिट्टी के बर्तन खराब हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों ठंड की वजह से चाय की बिक्री काफी बढ़ गई है.
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"प्लस्टिक में पाली एरोमेटिक हाइड्रो कार्बन होते है जो एसिडिक गैस्ट्रिक पैदा करनेवाले होते है इसके अपेक्षाकृत कुल्हड़ अच्छा होता है इसमें एसिडिटी कंट्रोल करने की क्षमता होती है. साथ ही कैल्शियम की मात्रा रहने के कारण भी कुल्हड़ की चाय अच्छी होती है. इसमें पीएच वैल्यू ज्यादा होता है जो एसिडिटी को न्यूट्रल करता है."- डॉ. दिवाकर तेजस्वी, चिकित्सक
बैक्टेरिया इंफेक्शन होने का नहीं रहता डर
डॉक्टर भी कुल्हड़ में चाय पीना काफी फायदेमंद बताते हैं. डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि कुल्हड़ की चाय पर्यावरण के दृटिकोण से भी अच्छा है. उन्होंने बताया कि एसिडिक इफेक्ट कम होने के कारण ये अच्छा है. कुल्हड़ में बैक्टेरिया इंफेक्शन भी होने का डर नहीं होता है. इससे यह स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा माना जाता है. ऐसे में अब लोग कुल्हड़ में चाय पीने के साथ स्वाद के साथ सेहत भी बना सकते हैं.