रांचीः मुख्य विपक्षी दल भाजपा के शोर-शराबे के बीच प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने सरकार से पूछा कि क्या यह बात सही है कि भूमि की बढ़ती कीमत के कारण वर्तमान समय में किसानों द्वारा परकोलेशन टैंक के स्थान पर डीप बोरिंग की मांग की जा रही है. सरकार की ओर से इस सवाल को अस्वीकारात्मक बताते हुए कहा गया कि किसानों द्वारा परकोलेशन टैंक के साथ साथ डीप बोरिंग की भी मांग की जा रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में मृदा एवं जल संरक्षण योजना और जलनिधि योजना के तहत परकोलेशन टैंक और डीप बोरिंग के निर्माण के लिए उपबंधित राशि स्वीकृत और आवंटित की जा चुकी है. साथ ही योजना का कार्य प्रगति पर है.
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इस जवाब पर नाराजगी व्यक्त करते हुए दीपिका पांडे सिंह ने कृषि मंत्री से पूछा कि क्या वह बताएंगे कि डीप बोरिंग की संख्या बढ़ाई जाएगी. उन्होंने पूछा कि प्रखंड स्तर पर कितनी डीप बोरिंग की गई है और कितने का विस्तार का प्लान है. दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि जिस तरीके से मंत्री जवाब दे रहे हैं उससे लगता है कि उनके पास बजट का प्री प्लान नहीं है.
जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि डीप बोरिंग से जलस्तर को खतरा होता है. फिर भी जहां बहुत ज्यादा जरूरत होती है वहां उसकी व्यवस्था की जाती है. उन्होंने कहा कि विधायक चाहे तो वह अपने फंड से भी डीप बोरिंग करा सकती हैं. डीएमएफटी फंड से भी बोरिंग हो सकता है. जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि इस मसले पर राज्यादेश आने और कमेटी की रिपोर्ट देखकर ही डीप बोरिंग की संख्या बढ़ाने पर कोई बात की जा सकती है. पूरक प्रश्न का ठोस जवाब नहीं देने पर स्पीकर ने हस्तक्षेप करते हुए मंत्री से कहा कि उन्हें बताना चाहिए कि प्रखंड स्तर पर कितने डीप बोरिंग हुए हैं.