रांची: ग्लोबल महामारी कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जिन डॉक्टरों, पारा मेडिकल स्टाफ और नर्सों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योद्धा की उपाधि दी है, जिन्हें वॉरियर्स बताकर झारखंड सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने एक महीने के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देने घोषणा की, वहीं राज्य के ऑटोनॉमस मेडिकल संस्थान रिम्स में कोरोना योद्धाओं की सैलरी काटी जा रही है.
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कोरोना संक्रमितों की सेवा करते हुए रिम्स के कई वॉरियर्स संक्रमित हो गए, जिसके बाद वो होम आइसोलेशन में चले गए. इस दौरान जितने दिन वह अवकाश पर रहे, उतने दिनों की सैलरी रिम्स प्रबंधन ने काट ली. रिम्स का वित्तीय अधिकार निदेशक के पास होता है. ऐसे में जब अधीक्षक ने सभी डॉक्टरों और स्टाफ का होम आइसोलेशन काल की छुट्टी ओके कर फाइल बढ़ाई थी, तो फिर किसी का 14 दिन का तो किसी का 21 दिन का वेतन क्यों कट गया? यह अनुमान लगाना मुश्किल नहीं है.
रिम्स के कई विभागों के कर्मचारियों की कटी सैलरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना संक्रमण के शिकार हुए दर्जनों डॉक्टर, लैब टेक्नीशियन, नर्सों की कोरोना के चलते ड्यूटी पर नहीं रहने के कारण सैलरी काट ली गई है. रिम्स के कार्डियक थोरेसिक सर्जरी के हेड डॉ अंशुल, उनकी डेंटिस्ट पत्नी डॉ अर्पिता, ब्लड बैंक की हेड डॉ सुषमा, लैब टेक्नीशियन रवि रंजन और सत्यज्योति जैसे कई कर्मचारी हैं, जिन्हें एक महीने की सैलरी इंसेंटिव में मिलना था, लेकिन उनकी कई दिनों की सैलरी काट ली गई है.
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