रांची:झारखंड में सक्रिय साइबर अपराधी हर दिन आम हो या खास किसी न किसी अपना शिकार जरूर बनाते हैं. बेहद कठिनाई से पकड़े जाने की वजह से साइबर अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है. अब तो साइबर अपराधी जेल में बंद आत्मसमर्पण कर चुके इनामी नक्सलियों सहित कई कुख्यात अपराधियों के परिजनों से भी ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. झारखंड की राजधानी रांची, जमशेदपुर, गुमला सहित कई जिलों में ऐसे मामले रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें साइबर अपराधियों के द्वारा जेल में बंद बंदियों के परिजनों से उनके नाम पर ठगी कर ली है.
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कैसे करते हैं ठगीः पिछले एक महीने के भीतर साइबर अपराधियों ने जेल में बंद एक दर्जन से ज्यादा कैदियों के परिजनों से ठगी की कोशिश की है. जिसमें से कई में वो कामयाब भी हुए हैं. सभी मामलों में ठगी का तरीका बिल्कुल एक जैसा था. साइबर अपराधियों ने सबसे पहले विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के परिजनों के नंबर हासिल किए और फिर उन्हें फोन कर यह विश्वास दिलाया कि उनके जो परिजन जेल में बंद हैं उनके साथ जेल के अंदर हादसा हो गया है. जिसमें वह बुरी तरह से जख्मी हो गए हैं. ऐसे में इलाज के लिए उन्हें जल्द से जल्द पैसों की जरूरत है. कैदियों के परिजन फोन आने के बाद घबरा जाते हैं और तुरंत फोन करने वाले के द्वारा दिए गए खाते में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं. झारखंड के गुमला, रांची और जमशेदपुर में ऐसे मामले थानों में रिपोर्ट किए गए हैं.
25 लाख के इनामी रहे कान्हू मुंडा के परिजनों से कर ली ठगीः कुख्यात नक्सली कमांडर कान्हू मुंडा के परिजनों से भी साइबर अपराधियों ने ठगी को अंजाम दिया है. 25 लाख के इनामी रहे कान्हू मुंडा ने जमशेदपुर में साल 2017 में आत्मसमपर्ण कर दिया था. कान्हू मुंडा फिलहाल जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद है. पिछले महीने यानी 22 मार्च को कानों की पत्नी बैशाखी को एक शख्स ने फोन करके बताया कि आपके पति को जेल में हार्ट अटैक आ गया है. ऐसे में उनके इलाज के लिए तुरंत पैसे की जरूरत है. कान्हू की पत्नी परेशान हो कर अपने परिजनों को पूरी बात बता ही रही थी कि तभी उसकी बेटी के फोन नंबर पर भी उसी व्यक्ति ने फोन कर कहा कि जल्द से जल्द पैसे का उपाय करें आपके पिता को हार्ट अटैक आया है. जिसके बाद आनन-फानन में 45 हजार रुपए फोन करने वाले के खाते में जमा करा दिए गए. दूसरे दिन जब परिजन भागे-भागे घाघीडीह जेल पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि कान्हू बिल्कुल स्वस्थ है, तब उन्हें समझ में आया कि उनके साथ ठगी की गई है. जिसके बाद उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई.
गुमला और रांची में भी कैदियों के परिजनों से हुई ठगीःजिस तरह से साइबर अपराधियों ने कान्हू मुंडा के परिजनों से ठगी की, ठीक उसी अंदाज में गुमला और रांची जेल में बंद कुछ बंदियों के परिजनों से भी साइबर अपराधियों ने ठगी को अंजाम दिया है. रांची जेल के आधा दर्जन कैदियों के परिजनों से ठगी की कोशिश की गई थी. रांची जेल में बंद दिलीप मुंडा के परिजनों को भी अपराधियों ने उसके घायल होने की सूचना देकर 2200 रुपए ठग लिए. रांची के गुमला जेल में बंद दो कैदियों के परिजनों से उनके बीमार होने की बात कह कर ठगी की गई है. साइबर अपराधियों ने कई कैदियों के परिजनों से 1000 से लेकर 1500 तक रुपए तक की ठगी की है. ऐसे मामलों की रिपोर्ट थाने में नहीं दर्ज हुई है.