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फेसबुक बना ठगी का नया ठिकाना, अपराधियों के निशाने पर आम से खास आदमी

'फेसबुक' अब साइबर अपराधियों के कब्जे में है! साइबर अपराधी फेसबुक हैक कर या फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर लोगों से पैसे की ठगी कर रहे हैं. झारखंड में अब आम आदमी के साथ-साथ पुलिस अधिकारी भी इन अपराधियों के निशाने पर हैं. जाने कैसे साइबर अपराध से खुद को बचाया जा सकता.

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फेसबुक बना ठगी का नया ठिकाना

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Published : Nov 26, 2020, 7:49 AM IST

Updated : Nov 26, 2020, 12:15 PM IST

रांची:'फेसबुक' सोशल साइट्स में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, लेकिन अब इस लोकप्रिय साइट पर भी साइबर अपराधियों की नजर है. फेसबुक हैक कर या फिर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाकर साइबर अपराधी आम हो या खास सभी से पैसे की ठगी करने की जुगत में लगे हुए हैं. झारखंड में तो अब पुलिस के अधिकारी ही साइबर अपराधियों के निशाने पर हैं. यहां एक दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारियों के फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बन चुके हैं.

हैक और फर्जी प्रोफाइल से बचाने के उपाय

हालांकि, फेसबुक अपने यूजर्स की प्राइवेसी को गंभीरता से लेते हुए हर रोज नए प्राइवेसी टूल्स उपलब्ध करा रहा है. इन सबके बावजूद हैकर्स यूजर्स के फेसबुक अकाउंट को हैक कर लेते हैं और इसकी जानकारी यूजर्स को नहीं होती. ऐसे में हम इस खबर में हैकर्स की ओर से अकाउंट हैक करने करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों और हैकिंग से बचाव के बारे में बता रहे हैं. इन बातों को जानकर आप अपने अकाउंट को ज्यादा सिक्योर रख सकते हैं. साइबर एक्सपर्ट राहुल कुमार ने फेसबुक को हैक और फर्जी प्रोफाइल से बचाने के लिए कई उपाय बताए हैं.

फेसबुक के जरिए कैसे होती है ठगी

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साइबर अपराधी दो तरीकों का करते हैं इस्तेमाल

साइबर अपराधी दो तरीके से फेसबुक यूजर्स का इस्तेमाल करते हैं. हाल के दिनों में देखा गया है कि फेसबुक यूजर्स का फर्जी प्रोफाइल बनाकर उसके जरिए पैसों की डिमांड की जाती है. फर्जी फेसबुक प्रोफाइल बनाने के लिए यूजर्स के ही फोटोग्राफ को साइबर अपराधी चुराते हैं और फिर प्रोफाइल बनाकर उसका इस्तेमाल करते हैं और दूसरा, अपराधी फेसबुक को हैक कर आप ही के प्रोफाइल को यूज करते हैं और आपको जानकारी भी नहीं मिलती है. इन दो तरीकों से हाल के दिनों में फेसबुक से लगातार फिसिंग अटैक की जा रही है.

कैसे होता है फेसबुक अकाउंट हैक

किसी फेसबुक अकाउंट को हैक करने के लिए फिशिंग अटैक एक आसान तरीका है. इसके लिए हैकर्स एक फेक लॉगिन पेश को क्रिएट करता है, जो बिल्कुल रियल फेसबुक पेज की तरह ही दिखता है. इसके बाद हैकर्स दूसरे यूजर को इसे लॉग इन करने के लिए कहता है. यूजर की ओर से जब एक बार फेक पेज को लॉगइन करने के बाद उसके ईमेल एड्रेस और पासवर्ड को टेक्स्ट फाइल में स्टोर कर लिया जाता है. अब हैकर टेक्स्ट फाइल को डाउनलोड करने करने के बाद यूजर के फेसबुक पेज को हैक कर लेता है.

कैसे बचें

किसी दूसरे डिवाइस से फेसबुक अकाउंट को लॉगइन न करें. हमेशा क्रोम बाउजर का ही इस्तेमाल करें. ऐसे ईमेल्स को नजरअदांज करें जो आपको फेसबुक अकाउंट को लॉगइन करने को कहे. हम सभी अपनी सुविधा के लिए कंप्यूटर के ब्राउजर में अकाउंट के पासवर्ड को सेव रखते हैं. ऐसे में यह हमारे लिए खतरा हो सकता है. इससे हैकर्स बड़ी आसानी से अपने पासवर्ड को आपके कंप्यूटर से निकाल कर आपके अकाउंट को हैक कर सकता है. कभी भी अपने ब्राउजर पर लॉगिन क्रेडेंशियल्स को सेव न करें. हमेशा अपने कंप्यूटर पर स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का उपयोग करें.

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सेशन हाइजैकिंग के जरिए फेसबुक अकाउंट पासवर्ड हो सकते है हैक

अगर आप फेसबुक का इस्तेमाल करने के लिए नॉन-सिक्योर कनेक्शन का प्रयोग करते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है. सेशन हाइजैकिंग के जरिए हैकर यूजर के ब्राउजर कुकी को चुराता है, जिसका इस्तेमाल वेबसाइट पर यूजर को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है, साथ ही यूजर के खाते तक पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल करता है. मोबाइल फोन हैकिंग के जरिए, अधिकांश लोग अपने मोबाइल फोन के माध्यम से फेसबुक का उपयोग करते हैं. अगर हैकर यूजर के मोबाइल फोन को हैक कर लें तो उसे फेसबुक समेत दूसरे अकाउंट की जानकारी भी मिल जाएगी. मसलन, हैकर आसानी से यूजर के फेसबुक अकाउंट का एक्सेस प्राप्त कर सकता है.

कैसे बचें

अपने स्मार्टफोन में एक अच्छे एंटीवायरस प्रोग्राम और मोबाइल सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करें. किसी भी अनजान सोर्स से ऐप्स को इंस्टॉल न करें. आमतौर पर जीमेल और ईमेल के अकाउंट के जरिए ही फेसबुक को यूज किया जाता है. अगर आप अपने जीमेल अकाउंट को खोलते हैं तो उसके सेटिंग में यह दर्शाता है कि आपका अकाउंट कहां-कहां ओपन है. अगर उसमें आपको कहीं दिखता है कि आपके मोबाइल और लैपटॉप के अलावा कहीं दूसरी जगह लॉगिन किया गया है तो आप तुरंत सेटिंग में जाकर टोटल लॉग आउट कर दें और अपने पासवर्ड को बदल दें. इससे आपका अकाउंट सेफ हो जाएगा.

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वाईफाई भी है बड़ा खतरा

वर्तमान में इंटरनेट के बेहतर स्पीड के लिए वाईफाई का पासवर्ड बेहद बढ़ा है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है, क्योंकि वाईफाई के पासवर्ड को डिकोड करना बहुत ही आसान है. ऐसे में अगर आप हर सप्ताह अपने पासवर्ड को चेंज नहीं करते हैं तो यह आपके लिए मुसीबत बन सकता है. अगर कोई व्यक्ति आपकी वाईफाई का इस्तेमाल कर किसी को धमकी भरा ई-मेल भेजता है तो जांच के क्रम में सरवर आप ही का दिखेगा और पुलिस सीधे आपके घर पहुंच जाएगी. ऐसे में जरूरी है कि आप वाईफाई को लेकर बेहद गंभीर रहें.

देखें पूरी वीडियो

फर्जी प्रोफाइल बना कर पैसे की डिमांड

हाल के महीनों में झारखंड में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें किसी शख्स की प्रोफाइल फोटो का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी को अंजाम दिया गया है. साइबर ठग डुप्लीकेट प्रोफाइल बनाने के बाद उस शख्स की फ्रेंड्स को मैसेज भजकर मजबूरी का बहाना बनाकर पैसों की मांग करते हैं. जब यूजर ऐसे मैसेज के झांसे में आकर हामी भर देता है तो अकाउंट नंबर भेजकर पैसे ट्रांसफर करवा लिए जाते हैं.

कैसे बचें, क्या है उपाय

अगर आपकी तस्वीर का इस्तेमाल कर कोई नकली आईडी बना ले तो आपको सबसे पहले उस प्रोफाइल को बंद करवाना होगा. इसके लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को आईडी का लिंक भेजकर रिपोर्ट स्पैम (Report Spam) करने के लिए कह सकते हैं. फेसबुक के मुताबिक अगर कभी किसी शख्स की तस्वीर का इस्तेमाल कर कोई नकली प्रोफाइल बना ले तो इसे बंद करने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग अगर Report Spam करेंगे तो ऐसी प्रोफाइल को हमेशा के लिए बंद कर दिया जाता है.

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फेसबुक के सेटिंग में है विकल्प

इसके लिए आपको फेसबुक की सेटिंग में ही 'Report The Profile' का विकल्प मिल जाएगा. इस विकल्प में आप अकाउंट की रिपोर्ट क्यों कर रहे हैं. इसकी वजह बतानी होगी. इसके बाद फेसबुक आपके दावें की अपने स्तर पर तहकीकात करेगा और अगर आपके दावें को सही पाया गया तो फर्जी अकाउंट बंद कर दिया जाएगा.

आम से लेकर पुलिस वाले भी हैं निशाने पर

झारखंड में शातिर साइबर अपराधियों के निशाने पर आम लोग तो है ही यहां अब खुद पुलिस अफसर भी साइबर अपरधियों के निशाने पर हैं. इन साइबर अपराधियों ने झारखंड के एक दर्जन से अधिक पुलिस अफसरों के फेसबुक प्रोफाइल की क्लोनिंग कर उनके फर्जी एकाउंट तैयार कर लिये हैं. इसके बाद उनकी ओर से इन फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के मैसेंजर के जरिये पुलिस अफसरों के परिचितों से पैसों की मांग की जा रही है.

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फेसबुक एकाउंट की क्लोनिंग कर पैसे की मांग

हैरत की बात यह है कि इन साइबर अपराधियों ने इसके लिए बीते दो महीने में दरोगा से लेकर डीआईजी तक के स्तर के अधिकारियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर फर्जी फेसबुक प्रोफाइल तैयार की है, लेकिन अबतक पुलिस ने फर्जी प्रोफाइल बनाने वाले इस शातिर गिरोह के एक भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया है. हालांकि, पुलिस अधिकारी भी अब मानने लगे हैं कि जामताड़ा और दूसरे साइबर अपराध प्रभावित जिलों के अपराधियों की ओर से फेसबुक एकाउंट की क्लोनिंग कर पैसे की मांग की जा रही है.

किन-किन अफसरों के नाम पर बनाया फर्जी एकाउंट

बेखौफ साइबर अपराधियों ने सीआइडी एडीजी अनिल पालटा के एनजीओ प्रभारी अमरेंद्र कुमार वर्मा, रांची क्राइम ब्रांच के प्रभारी मो. नेहाल, हजारीबाग सदर डीएसपी कमल किशोर, झारखंड पुलिस के इंस्पेक्टर और वर्तमान में ईडी में प्रतिनियुक्त अनिल सिंह के फेसबुक एकाउंट बनाकर पैसे की मांग की है. इससे पहले साइबर‌ अपराधियों ने कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन सिंह की तस्वीरों का इस्तेमाल कर दो अलग-अलग प्रोफाइल बनाए थे. इसके बाद डीआईजी कोल्हान ने फेसबुक पोस्ट लिखकर खुद इस बात की जानकारी दी थी कि उनकी तस्वीरें चुराकर फर्जी प्रोफाइल बनायी गई है.

कैसे मांगते हैं पैसे

पहले तो साइबर अपराधी फेसबुक पर किसी पुलिस अधिकारी की फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं. इसके बाद वे उस अधिकारी के असल प्रोफाइल से जुड़े लोगों की सूची बनाते हैं और उस अधिकारी के नाम से उन्हें फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं. फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार होने के बाद मैसेंजर पर पैसे की मांग शुरू होती है. इसके लिए वे अधिकारी की ओर से अस्पताल में होने या दूसरी जरूरत की बातें बताते हैं. साइबर अपराधियों की ओर से अधिकारी से जुड़े लोगों से गुगल पे, फोन पे या दूसरे किसी ऑनलाइन पैसे की डिलिवरी ऐप के बारे में जानकारी मांगी जाती है. साइबर अपराधी बैंक खातों की जानकारी भी पैसे डालने के लिए शेयर करते हैं.

जानकारी ही है बचाव

रांची के सिटी एसपी सौरभ के अनुसार, हाल के दिनों में दो तरीके से फेसबुक पर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. एक तो फर्जी प्रोफाइल बनाकर और दूसरा हैक करके. फर्जी प्रोफाइल वाले मामलों में लोगों को खुद से ही सजग होना होगा. वहीं, दूसरी तरफ हैकिंग करने वाले साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार साइबर टीम प्रयास कर रही है.

Last Updated : Nov 26, 2020, 12:15 PM IST

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